Joshimath: जोशीमठ के शंकराचार्य मठ में भी पड़ी दरारें
Joshimath: जोशीमठ के शंकराचार्य मठ में भी पड़ी दरारें
Joshimath: जोशीमठ में स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। भू-धंसाव के संकट का सामना कर रहे जोशीमठ के लोगों की मुसबीत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी बीच आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में दरारें आ गई हैं। जानकारी के अनुसार शंकराचार्य मठ में भी पिछले 15 दिनों में कई जगहों पर दरारें आ गई हैं। ज्योतिर्मठ प्रशासन के मुताबिक, पिछले 15 दिनों में ये दरारें बढ़ी हैं। वहीं मठ के प्रमुख ने क्षेत्र में होने वाले ‘विकास’ को आपदा का कारण बताया है।
रिपोर्टस के मुताबिक शंकराचार्य के इस मठ के परिसर में कुछ दिनों से दरारें आनी शुरू हुई थी।
मठस्थली में बना शिव मंदिर लगभग पांच इंच धंस गया है
और मंदिर में स्थापित स्फटिक के शिवलिंग में भी दरारें आ गई हैं।
आपको बता दें कि जोशीमठ में माधवाश्रम आादि शंकराचार्य ने इस मठ को स्थापित किया था।
इतिहास
दरअसल बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर में विराजमान रहती है।
वहीं बिगड़े हालात का जायजा लेने पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ के धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सबसे पुराने ज्योतिर्मठ की सुरक्षा के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।
इस समय हम सबके सामने सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बड़ी चुनौती है।
खबरों के मुताबिक जोशीमठ में लगातार जमीन धंसने के कारण लगभग 561 घरों में दरारें आ गई हैं।
हालांकि अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित लोग, उनके परिवार और बच्चे वर्तमान में रैन बसेरों में रह रहे हैं।