Karwa Chauth: करवा चौथ व्रत की पूजा में सींक का होना क्यों ज़रूरी?
Karwa Chauth: करवा चौथ व्रत की पूजा में सींक का होना क्यों ज़रूरी?
Karwa Chauth: 1 नवंबर 2023, बुधवार को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का निर्जला व्रत रख रही हैं। रात को चंद्रदेव के दर्शन करने और अर्घ्य देने के बाद ही वे करवा चौथ व्रत का पारण करेंगी। यह व्रत बेहद ही खास माना गया है, इस व्रत में कई तरह की समग्री का उपयोग किया जाता है जिनमें से एक सींक भी है, पर क्या आप जानते है कि करवा चौथ व्रत की पूजा में सींक का होना क्यों ज़रूरी?
ऐसा कहते है की सींक मां करवा की शक्ति का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार मां करवा के पति का पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया था।
तब उन्होंने कच्चे धागे से मगर को बांध दिया और यमराज के पास पहुंच गईं।
करवा ने सात सींक लेकर उन्हें झाड़ना शुरू किया जिससे खाते आकाश में उड़ने लगे। करवा ने यमराज से अपने पति की रक्षा करने के लिए कहा, तब उन्होंने मगरमच्छ को मारकर करवा के पति की जान बचाई और उन्हें लंबी उम्र का वरदान दिया।

करवा चौथ की पूजन सामग्री
पूजन सामग्री में
मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन,
पानी का लोटा,
गंगाजल,
दीपक,
रूई,
अगरबत्ती,
चंदन,
कुमकुम,
रोली,
अक्षत,
फूल,
कच्चा दूध,
दही,
देसी घी,
शहद,
चीनी,
हल्दी,
चावल,
मिठाई,
चीनी का बूरा,
मेहंदी,
महावर,
सिंदूर,
कंघा,
बिंदी, चुनरी,
चूड़ी,
बिछुआ,
गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी,
लकड़ी का आसन,
छलनी,
आठ पूरियों की अठावरी,
हलुआ और
दक्षिणा के पैसे शामिल हैं।