इस करवा चौथ ऐसे करें पूजा, पल भर में पूरी होगी हर मनोकामना
इस करवा चौथ ऐसे करें पूजा, पल भर में पूरी होगी हर मनोकामना
करवा चैथ सिर्फ एक त्योहार नही हैं, ये प्रतीक पति पत्नी के पावन रिश्ते का, ये प्रतीक एक एक दूसरे पर विश्वास का, सम्मान का, सुख का दुख का और एक दूसरे के प्रति प्यार का…
करवा चौथ को हर औरत सज संवर कर, हाथों में मेंहदी लगाकर, चूड़ी पहन कर सोलह श्रृंगार करके अपने अपने पिया से मिलने का इंतजार करती है, कि कब उसका पिया आएगा और उसका व्रत तोड़ेगा..
कैसे करें पूजा
- करवा चौथ की आवश्यक संपूर्ण पूजन सामग्री को एकत्र करें।
- व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- ‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’
- पूरे दिन निर्जला रहें।
- दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है।
- आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। हलुआ बनाएं। पक्के पकवान बनाएं
- पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं
- गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें।
- जल से भरा हुआ लोटा रखें
- वायना (भेंट) देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें।
- रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं।
- गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें।