हादसों की पहेली बरमूडा ट्राएंगल, लाखो विमान यहां से हो जाते है गायब
हादसों की पहेली बरमूडा ट्राएंगल, लाखो विमान यहां से हो जाते है गायब
कुछ बातें आप के सोच से परे होती है, कुछ बातें जिन पर आप विश्वास नहीं करना चाहते फिर भी करनी पड़ती है, कुछ सच, कुछ तत्थ, कुछ अनसुलझी सी बातें जिसे विज्ञान भले ही मानने से इन्कार करे पर कुछ सवाल ऐसे भी है जिनका विज्ञान के पास कोई जवाब नहीं है… कुछ ऐसा जिसपर किसी इंसान का वस नहीं होता, कुछ लोग इसे कोई शैतानी ताकत मानते है, तो कुछ बस एक सयोंग… ऐसी ही एक पहेली है बरमुडा ट्रएंगल.. मौत का ऐसा जाल जहां हर कोई फंस जाता है, ऐसी भयानक जगह जिसने पता नहीं कितनी जिंदगी ले ली..
लाख़ो विमान यहां आऐ और गायब हो गए.. यह भुतहा त्रिकोण बरमूडा, मयामी, फ्लोरिडा और सेन जुआनस से मिलकर बनता है. दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगह बरमुडा ट्रएंगल वो इलाका है जिसके आस-पास से गुजरने वाली हर चीज़ रहस्यमय तरीक़े से अचानक ग़ायब हो जाती है.
एक दिन अचानक बीच आसमान से एक विमान गायब हो जाता है, 228 लोग से भरा ये एयर फ्रांस का विमान कहां गायब हो जाता है ये किसी को पता भी नहीं चलता . आज तक इस विमान और उसके यात्रियों का कोई सुराग नहीं मिल सका है.
- कुछ रसायन शास्त्रियों का मानना है कि उस क्षेत्र में ‘मीथेन हाइड्रेट’ नामक रसायन इन दुर्घटनाओं का कारण है. समुद्र में बनने वाला यह हाइड्राइट जब अचानक ही फटता है, तो अपने आसपास के सभी जहाजों को चपेट में ले सकता है.
- तो कोई कहता है, कि सागर के इस भाग में एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र होने के कारण जहाजों में लगे उपकरण यहाँ काम करना बंद कर देते हैं तथा रेडियो तरंगों के संकेतों को काट कर इन यन्त्रों को ख़राब कर देता है इससे जहाज़ रास्ता भटक जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं.
- इसका रहस्य तब और भी अधिक गहरा हो जाता है , जब कुछ वैज्ञानिक इन दुर्घटनाओं को परग्रही (ऐलियन) शक्तितियों और `उड़नतश्तरियों´ से जोड़ कर देखते हैं . इस त्रिकोण के पास सबसे ज़्यादा यूएफओ दिखने की बात सामने आई है.
- वैसे कहते ते ये भी है, कि बरमूडा ट्राइएंगल रहस्य नहीं बल्कि टाइम जोन का एक छोर है. धरती पर एक ब्लैक होल की तरह है बरमूडा ट्राइएंगल दूसरी दुनिया में जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आसान सी भाषा में कहें तो बरमूडा ट्राइएंगल आप को एक युग दूसरे युग मे ले जाता है. कुछ उस तरह जैसा फ़िल्मों में लोग टाइम मशीन का सहारा लेकर किसी और युग में पहुंच जाते हैं.
ये सारे विमान यहीं से गायब हे और अबतक इनकी खोज जारी है.
1872 में जहाज़ ‘द मैरी सैलेस्ट’ बरमूडा त्रिकोण में लापता हुआ, जिसका आजतक कुछ पता नही.
1945 में नेवी के पांच हवाई जहाज़ बरमूडा त्रिकोण में समा गये, ये जहाज़ फ्लाइट-19 के थे.
1947 में सेना का सी-45 सुपरफोर्ट जहाज़ बरमूडा त्रिकोण के ऊपर रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया.
1948 में जहाज़ ट्यूडोर त्रिकोण में खो गया। इसका भी कुछ पता नहीं.
1950 में अमेरिकी जहाज़ एसएस सैंड्रा यहां से गुजरा, लेकिन कहां गया कुछ पता नहीं.
1952 में ब्रिटिश जहाज़ अटलांटिक में विलीन हो गया, 33 लोग मारे गये, किसी के शव तक नहीं मिले.
1962 में अमेरिकी सेना का केबी-50 टैंकर प्लेन बरमूडा त्रिकोण के ऊपर से गुजरते वक़्त अचानक लापता हुआ.
1972 में जर्मनी का एक जहाज़ त्रिकोण में घुसते ही डूब गया, इस जहाज़ का भार 20 हज़ार टन था.
1997 में जर्मनी का विमान बरमूडा त्रिकोण में घुसते ही कहां गया, कुछ पता नहीं.