इस विधि विधान से करें मां स्कंदमाता की पूजा, पूर्ण होंगी सारी इच्छाएं
इस विधि विधान से करें मां स्कंदमाता की पूजा, पूर्ण होंगी सारी इच्छाएं
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है…स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से जाना जाता है…कहते हैं कि स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान करती हैं…सच्चे मन से मां की उपासना करने से भक्त की सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं…मान्यता है कि इनकी पूजा करने से संतान योग की प्राप्ति होती है…चलिए जानते हैं कि मां की पूजा कैसे करनी चाहिए…
पूजा विधि
स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
सर्वप्रथम चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें..
सच्चे मन से माता स्कंदमाता का ध्यान करें.
इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लेते हुए वैदिक व सप्तशती मंत्रों द्वारा स्कंदमाता सहित समस्त स्थापित देवताओं की पूजा करें..
इस दौरान आवाहन, आसन, अर्घ्य, आचमन, सौभाग्य सूत्र, पाद्य, स्नान, वस्त्र, हल्दी, चंदन, रोली, सिंदूर, दुर्वा, आभूषण, पुष्प-हार, बिल्वपत्र, धूप-दीप, पान, दक्षिणा, नैवेद्य, फल, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि सब करें…
आखिर में प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करनी चाहिए…
आरती
जय तेरी हो स्कंदमाता
पांचवां नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं
हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं
कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाड़ों पर है डेरा
कई शहरों में तेरा बसेरा
हर मंदिर में तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे
भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये
दासो को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुजाने आई.