आज है ऋषि पंचमी (Rishi Panchmi), जानिए क्यों रखते हैं यह व्रत
आज है ऋषि पंचमी (Rishi Panchmi), जानिए क्यों रखते हैं यह व्रत
ऋषि पंचमी भाद्रपद शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को मनाया जाता है, यह व्रत ऋषियों को समर्पित है इसिलिए इसे ऋषि पंचमी कहा जाता है और इस दिन किए जाने वाले व्रत को ऋषि पंचमी व्रत कहा जाता है… ब्रह्म पुराण के अनुसार इस दिन चारों वर्ण की स्त्रियों को यह व्रत करना चाहिए…
यह खास दिन ऋषियों को समर्पित होता है, इस दिन कि विशेषता यह है कि यह व्रत शरीर के द्वारा अशौचावस्था में किए गए स्पर्श तथा अन्य पापों के प्रायश्चित के रूप में किया जाता है… स्त्रियों से जाने-अनजाने में रजस्वला अवस्था में पूजा, घर के कार्य, पति को स्पर्श आदि हो जाता है तो इस व्रत से उनके पाप नष्ट हो जाते हैं…
पूजा विधि
ऋषि पंचमी का व्रत एक समय भोजन करके रखा जाता है.
व्रत का पारणा पूजा के बाद फल और मेवों से करना चाहिए.
इसके लिए सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें. फिर सप्त ऋषियों मरीचि, वशिष्ठ, अंगिरा, अत्रि, पुलत्स्य, पुलह और क्रतु: की पूजा करें.
इसके लिए शुभ मुहूर्त में घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करके एक चौकी रखें.
इस चौकी पर हल्दी-कुमकुम से चौकोर मंडल बनाएं. इस मंडल पर सप्तऋषियों की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
फिर इसकी विधि-विधान से पूजा करें. सप्तऋषियों को वस्त्र, चंदन, जनेऊ, फूल और फल अर्पित करें. मिठाइयों का भोग लगाएं. धूप-दीप दिखाएं.
आखिर में ऋषि पंचमी व्रत की कथा जरूर सुनें या पढ़ें. बिना कथा पढ़े इस व्रत का पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है.