Shivratri Special: रहस्यों से भरी है सोमनाथ मंदिर की अद्भुत कहानी
Shivratri Special: रहस्यों से भरी है सोमनाथ मंदिर की अद्भुत कहानी
कई वर्षों से अपनी सनातन परम्पारा एवं आस्था को दर्शाता है, जहां आज भी महादेव स्वंय पधारते हैं, एवं ….जिसे समुद्र देव स्वंय चरण स्पर्श करते हैं। भारत की ऐसी पावन नगरी गुजरात में स्थित है ‘सोमनाथ मंदिर’….
भक्ति, भव्यता अथाव दिव्यता का प्रतीक सोमनाथ मंदिर जो अपनी समृद्ध विरासत, कला संस्कृति एवं वास्तुकला के प्रसिद्ध है… सोम यानि जिसकी स्थापना चंद्रदेव जी ने स्वंय की हो… विश्व का सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर… जहां दर्शन मात्र से मानों समस्त कष्ट एवं पापों का नाश हो जाता है।
72 पावन स्तंभों पर स्थापित महादेव का यह पवित्र धाम मुख्यतः तीन भागों में गर्भगृह, सभामंडप तथा नृत्यमंडप में विभाजित है… मंदिर का प्रवेश द्वार अत्यंत कलात्मक है। जिसकी भव्यता अति शेभनीय है, देवालय के शिखर पर रखे हुए कलश इस पावन धाम की भव्यता को और भी अधिक बढ़ा देते हैं।
पौराणिक अनुश्रुतियों के अनुसार जब भगवान चंद्र देव को राजा दक्ष की आज्ञा की अवेहलना करने राजा दक्ष ने उन्हें क्षयरोग की श्राप दिया और कहा कि उनका प्रकाश दिन-प्रतिदिन धूमिल होता जाएगा। श्राप से मुक्त होने के लिए चंद्रदेव जी ने इसी स्थान पर भगवान भोलेनाथ की उपासना की प्रसन्न होकर भगवान शिव जी ने चंद्रदेव जी को श्राप से मुक्त कर दिया।