किसानों ने पहली बार मानी सरकार की शर्त, 12 दिन बाद खोला दिल्ली-नोएडा का बॉर्डर
किसानों ने पहली बार मानी सरकार की शर्त, 12 दिन बाद खोला दिल्ली-नोएडा का बॉर्डर
कृषि कानून को लेकर चल रहा किसानों का प्रोटेस्ट लगातार जारी है. जिसके चलते कुछ बॉर्डर अभी तक बंद पड़े थे. इसकी वजह से आसपास से गुजरने वाले लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. 12 दिन से दिल्ली-नोएडा चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह से प्रदर्शन के चलते बंद कर दिया गया था. लेकिन अब इन बॉर्डर को खोल दिया गया है. चिल्ला बॉर्डर पर धरने दे रहे किसान बीते शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिले थे. इस दौरान दोनों पक्षों में आपसी सहमति बनने के बाद बॉर्डर को ट्रैफिक के लिए खोला गया है.
बताया जा रहा है कि, इस मामले को लेकर रक्षा मंत्री के आवास पर ही किसानों की 5 सदस्यीय टीम ने मीटिंग की थी. इस बैठक में कृषि मंत्री की भी मौजूदगी थी. मीडिया खबरों के मुताबिक रक्षा मंत्री के सामने 18 सूत्रीय मांगों को रखा गया था. इसमें सबसे बड़ी और पहली मांग ये थी कि MSP का जिक्र नहीं है. इस बारे में बात करते हुए एक किसान ने कहा कि, हमारे नेता आज रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री से मिले. उन्होंने हमें विश्वास दिलाया है कि हमारी मांगों को पूरा किया जाएगा. इस वजह से हमने रास्ता खोला है.
देर रात की ही बात है, जब नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते पर लगाए गए बैरिकेड हटा दिए गए हैं. इसके बाद से ही दिल्ली जाने के लिए वाहन चालकों ने इस रास्ते का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इससे पहले चिल्ला बॉर्डर ब्लॉक करने की वजह दिल्ली जाने वाले लोगों को डीएनडी और कालिंदी कुंज होकर जाना पड़ रहा था.
बॉर्डर खुलने से पहले की ही बात है, जब शनिवार की रात दिल्ली पुलिस की तरफ से एक ट्वीट किया गया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि, किसानों के लगातार विरोध के चलते नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली तक यातायात के लिए चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं. ऐसे में लोगों को ये सलाह दी जाती है कि वे आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा और भोपुरा सीमाओं के माध्यम से दिल्ली आने के लिए वैकल्पिक मार्ग लें. यही नहीं टिकरी, धनसा बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं.