पितृपक्ष के 16 दिनों में करें ये काम, मिलता है पितरों का आशीर्वाद
पितृपक्ष के 16 दिनों में करें ये काम, मिलता है पितरों का आशीर्वाद
पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है, मान्यता के अनुसार लोग अपने पितरों और पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहते हैं, कहते पितृपक्ष में हमारे पूर्वज पुनः नीचे आते हैं जिस कारण लोग अपने अपने तरीके उन्हें प्रसन्न करता हैं… पितृपक्ष में किए गए तर्पण, श्राद्ध और पिंड दान उनका आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है… कहा गया है कि पिंडदान नहीं करने से पितृदोष लगता है…
कब से कब तक है पितृपक्ष
पितृपक्ष के 16 दिनों तक चलता है, इस बार पितृपक्ष 1 सितंबर से 17 सितंबर तक है… इन 16 दिनों में आप श्राद्ध पिंडदान और तर्पण करते हैं…. पितृपक्ष भाद्रपद की पूर्णिमा से शुरू होता है और अश्विन की अमावस्या तक चलता है.. पितृ दोष के बीच कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है, अशुभ प्रभाव देने वाला माना जाता है
पितृपक्ष में श्राद्ध और पिंड दान का महत्व
पितृपक्ष में श्राद्ध और पिंड दान का विशेष महत्व है, कहते हैं ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं, इसके अलावा ब्राम्हणों को भोजन कराना भी शुभ माना जाता है…. बता दें कि जीवों और पशु-पक्षियों को भी भोजन कराना चाहिए क्योंकि मान्यताओं हमारे पूर्वज पशु-पक्षियों के माध्यम से अपना आहार ग्रहण करते हैं
5 जीवों की करें सेवा
पृत पक्ष में 5 ऐसे जीव हैं जिनकी सेवा से अद्भुत फल प्राप्त होता है, ये 5 जीव वो 5 तत्व हैं जिससे मिल मानव शरीर की संरचना हुई है, माना जाता है कि कुत्ता जल ,चींटी अग्नि कौवा वायु , गाय पृथ्वी और देवता आकाश तत्व का प्रतीक हैं.
पूजा विधी का रखें ध्यान
पूजा विधी अनुसार पितृपक्ष के दौरान पितरों को दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके दोपहर के समय प्रतिदिन जल अर्पित करें, साथ ही इसमें काला तिल मिलाए तथा अपने हाथों में कुश रखें… इसके अलावा जिस तिथि पर आपके किसी पूर्वज का देहांत हुआ है उस तिथि को अन्न और वस्त्र का दान करे