ऐसे करें माघ पूर्णिमा का व्रत, पैसों की नहीं होगी कमी
ऐसे करें माघ पूर्णिमा का व्रत, पैसों की नहीं होगी कमी
स्नान, दान, धर्म-कर्म का महत्वपूर्ण पर्व माघ पूर्णिमा का धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं। सामान्यतः सभी पूर्णिमा तिथियों पर गंगा समेत सभी पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। वहीं, माघ पूर्णिमा के दिन शाही स्नान किया जाता है। इस दिन पूजा, जप, तप एवं दान का विधान है। आइए आपको विस्तार से बताते हैं माघी पूर्णिमा की पूजा विधि के बारे में..
पूजा विधि-
इस दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय में स्नान करना चाहिए।
इस दिन सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव जी को अर्घ्य देना चाहिए।
इसके पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन जी की पूजा करें।
मध्याह्न काल में गरीब व्यक्ति एवं ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना शुभ माना जाता है।
दान में तिल एवं काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए अथवा काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
इस प्रकार माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, जप एवं तप करने से भगवान मधुसूदन जी शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं एवं मनुष्यों को पुण्य लाभ की प्राप्ति भी होती है।