मीना कुमारी…खुशनसीबी उनको हर कदम पर मिली, पर बदनसीबी ने साथ नहीं छोड़ा.
मीना कुमारी…खुशनसीबी उनको हर कदम पर मिली, पर बदनसीबी ने साथ नहीं छोड़ा.
मीना कुमारी… एक ऐसी अदाकार जो फिल्मों में दुख भरे किरदारों को जीते जीते खुद एक ऐसी किरदार बन गई जिनके जीवन में सिर्फ दुख थे. अंधेरे में अभिनय करते करते खुद एक ऐसी अंधकार में चली गईं जहां से निकलना मुशकिल था. पर्दे पर ट्रेजिडी रोल करते करते कब खुद एक ट्रेजिडी क्यूइन बन गई वो खुद नहीं जान पाई.
वो सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक ऐसी अनोखी कहानी जिसे पढ़ा तो खूब गया लेकिन की समझ नहीं सका. खूबसूरत अदाओं की मल्लिका मीना कुमारी, जब भी पर्दे पर आईं दर्शको को खूब रुलाया, लोगों ने उनके हर किरदार को मानों खुद जिया. लेकिन उनकी खुद की कहानी भी लोगों को रिलाने के लिए काफी थी.
जिंदगी ने मीना कुमारी को छोटी सी उम्र में ही अपने सारे रंग दिखा दिए. 10 साल की कम उम्र से इस चमकते इंडस्ट्री में आना और अपार शोहरत की बुलंदियों को छूना… और फिर अंधकार की एक ऐसी खाई में चले जाना जहां कभी वापस ना आ पाना…
एक्टिंग मीना कुमारी के रग रग में बसी थी, 10 की उम्र से जो वो इस चमचमाते रास्ते पर निकली तो फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा, फिल्मों में एक्टिंग ही उनका लक्ष्य बन गया था. वो खुद को शायद उन बुलंदियों पर ले जाना चाहती थी जहां से कोई उन्हें छू ना पाए.
मीना के पिता अलीबक्श ने पैसों की तंगी के चलते अपनी सात साल की बेटी महजबी बानों को फ़िल्म इंडस्ट्री में भेज दिया. लेकिन महजबी बानो ने जब मीना कुमारी बनने का सफर इतना आसान नहीं था. उन्होनें कई फिल्में की लेकिन अबतक की उन्हें जानता नहीं था.
लेकिन विजय भट्ट की फ़िल्म बैजू बावरा ने मीना की जिंदगी को बदल दिया, ये फ़िल्म इतनी बड़ी हिट साबित हुई और मीना कुमारी के काम की इतनी सराहना हुई कि इस फ़िल्म के लिए मीना कुमारी को फ़िल्म फ़ेयर के बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला.
इसके बाद तो जैसे मीना कुमारी की जिंदगी में शोहरत और बुलंदी के पन्ने खुल गए, लगातार कई फिल्में हिट होने के बाद हर घर में मीना को पहचाना जाने लगा. लेकिन तब शायद वो खुद भी नहीं जानती थी. इस खूबसूरत और रंगीन दुनिया का अंत इतना काला होगा. और यही शोहरत ही उनकी दुश्मन बन जाएगी.
1953 कमाल अमरोही और मीनाकुमारी ने शादी कर ली, इस शादी से मीना काफई खुश थीं लेकिन उनकी इस खुशी पर भी जल्द ग्रहण लग गया और किस्मत ने एक बार फ़िर से मीनाकुमारी के साथ मजाक कर दिया, क्योकि उन्हें कमाल अमरोही की दूसरी बीवी होने का दर्ज़ा मिला. दोनों साथ में खुश थे लेकिन धीरे धीरे कमाल को मीना की शओहरत अखरने लगी और उन्होनें उन्हें फिल्म में काम करने से मना करने लगे, लेकिन मीना नहीं मानी और इसके चलते उनकी शादी टूट गई.
शादी टूटने के चलते मीना शराब के नशे में शांति और सुकून तलाशने लगीं,सुकून तो उन्हें नहीं मिला पर इस लत से उन्हें एक ऐसी खतरनाक बीमारी दे दी. जिसके चलते मीना कुमारी ने महज 39 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. कहा जाता जब उनकी मौत करीब थी तो उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपना इलाज करवा सकें. उनकी मौत एक सरकारी अस्पताल में हुई जहां उनसे मिलने तक की नहीं पंहुचा. और तन्हाई और बेवाफाई के आगे शोहरत की बुलंदियों नें दम तोड़ दिया.
जाते जाते भी वो पाकिजा में एक्टिंग कर गई जो आज भी याद किया जाता है, फिल्म को उन्होंने अपनी जिंदगी हार कर जीता दिया. खुशनसीबी उनको हर कदम पर मिली, लेकिन बदनसीबी ने काभी साथ नहीं छोड़ा.
By Pratiksha (@pratiks36264487 )