Yoga Day: 21 जून को देश मनाएगा 8 वां योग दिवस, जानिए योग के महत्व
21 जून को देश मनाएगा 8 वां योग दिवस, जानिए योग के महत्व
योग सम्पूर्ण मानवता को भारतीय संस्कृति की ओर से वह अमूल्य उपहार है जो हमारे शरीर, मन, विचार, तथा मनुष्य एवं प्रकृति के बीच एक सामंजस्य स्थापित करता है। योग एक कला नहीं है अपितु यह जीवन शैली को आनंदमय बनाने का सरल मार्ग है। प्राचीन काल से हमारे ऋषि मुनि, साधु संत यौगिक जीवन का पालन करते आ रहे हैं।
योग बुजूर्गों से लेकर बच्चों, महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अत्यंत लाभकारी है। दैनिक जीवन में योग का अभ्यास करने से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। योग में हजारों बीमारियों को ठीक करने के गुण छुपे हुए हैं।
इतिहास-
भारत में योग का इतिहास वर्षों पुराना बताया जाता है। शास्त्रों, वेदों एवं उपनिषद् तथा विभिन्न ग्रंथों में योग का वर्णन मिलता है। योग भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का महत्वपूर्ण भाग है। आधुनिक समय में योग को जन-जन तक ले जाने अथवा इसका महत्व समाझने में ऋषि स्वामी रामदेव जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। योग तथा आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए ऋषि स्वामी रामदेव जी ने पतंजलि योगपीठ की स्थापना भी की जिसके बाद शिविरों तथा टीवी चैनलों के माध्यम से अब तक…. स्वामी जी ने अपने निरंतर प्रयास से करोड़ों से अधिक लोगों को योग की शिक्षा प्रदान की है।
योग दिवस का महत्व –
योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक अभ्यास है जो लोगों को शांति, आत्मविश्वास एवं साहस प्रदान करता है। योग को प्राचीन भारतीय कला का प्रतीक माना जाता है। भारतीय योग को जीवन में सकारात्मकता तथा ऊर्जावान बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। इसी क्रम में प्रत्येक वर्ष 21 जून को सम्पूर्ण विश्व में योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को योग के प्रति जागरुक करना है।