कौन है बच्चों का प्यारा सांता और क्या है उसका क्रिसमस से खास नाता
कौन है बच्चों का प्यारा सांता और क्या है उसका क्रिसमस से खास नाता
25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु का जन्मदिन… ये खास दिन भारत समेत पूरी दुनिया में क्रिसमस के नाम से धूमधाम से मनाया जाता है, 24 दिसम्बर रात से ही क्रिसमस की रौनक शुरू हो जाती है. और साथ ही बधाइयों का सिलसिला भी जारी हो जाता है. खआस कर बच्चों के बीच इसका उत्साह साफ देखने को मिलता है. देश के सभी शहरों में लोगों के घर क्रिसमस ट्री सजाया जाता है,
वैसे इस दिन को और भी खास बना देता है, और सांता उसके उपहार, जो बच्चों को खूब पसंद आता है. बच्चो को बडे दिन यानि 25 दिसंबर का इंतजार बेसब्री से रहता है… उन्हें पता है इस मौके पर एक फरिश्ता लाल कपड़े पहन कर आएगा, और उनके लिए ढेर सारे gifts लेकर आएगा. ये और कोई नहीं बल्कि उनका प्यारा सांता है, वैसे तो पहले बाहर ही इस त्योहार को मनाते थे लेकिन अब भारत में इस खास दिन की खूब धूम देखने को मिलती है. इस दिन को क्यों मनाते ये तो हम सबको पता दै, लेकिन सांता कौन है और आखिर इसका क्रिसमस से क्या लेना देना ये हम आपको बताते हैं.
आखिर कौन है सांता क्लॉस…
ज्यादातर लोग संता को क्रिसमस से ही जोड़ कर देखते हैं लेकिन हम आपको बता दें कि सांता क्लॉस इशू मसीह के समय से कई सालों बाद प्रचलित हुआ. तो आखिर वो सफेद दाढ़ी वाला लाल रंग के कपड़े पहने हुए और ढेर सारे गिफ्त लाने वाला बच्चों कै प्यारा संता था कौन…
बता दें कि संता का नाम संत निकोलस था, इनका जन्म तीसरी सदी में जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ. संत निकोलस एक बहुत अमीर व्यक्ति थे, और इनके दिल में गरीबों के लिए बहुत प्यार था, उन्होंने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया. बचपन से ही उनकी प्रभु यीशु में बहुत आस्था थी. इसिलिए वे बड़े होकर ईसाई धर्म के पुजारी और बाद में बिशप बने, इसके अलावा प्रभू ईशू की तरह ही उन्हें जरूरतमंदों और बच्चों को गिफ्ट्स देना बहुत अच्छा लगता था. वे अक्सर जरूरतमंदों और बच्चों को गिफ्ट्स देते थे, संत निकोलस gifts आधी रात को ही देते थे क्योंकि उन्हें उपहार देते हुए नजर आना पसंद नहीं था. वो GIFT GIVER के नाम से भी लोगो के बीच जाने जाते थे.
बता दें कि संत निकोलस से जुड़ा एक बहुत ही रोचक किस्सा मशहूर है, एक गरीब आदमी की तीन बेटीयां थी उनकी शीदी के दिन उस गरीब आदमी के पास देने के लिए कुछ भी नहीं था, तब निकोलस ने चुपके से उसकी तीनों बेटियों की जुराबों में सोने के सिक्कों की थैलियां रख दी. तब से लेकर आज तक क्रिसमस से पहले बच्चे जुराबे जरुर टांगते है. उंन्हे उम्मीद रहती है क्रिसमस की सुबह उन्हें तोहफे मिलेगें..
बता दें कि 1400 इ. तक संत निकोलस JESUS और मैरी के बाद तीसरे ऐसे धार्मिक संत हो गए. जिन्हे पूजा जाने लगा. और जिनका लोग आदर सम्मान प्यार करते थे. अमेरिका में 1773 में पहली बार सांता सेंट ए क्लॉज के रूप में मीडिया से रूबरू हुए. और शायद इसीलिए क्रिसमस और सांता का साथ गहराता चला गया और सांता पूरे विश्व में मशहूर होने के साथ-साथ बच्चों के चहेते बन गए.