क्या है क्रिसमस के पीछे की कहानी और आखिर क्यों सजाते है क्रिसमस ट्री…
क्या है क्रिसमस के पीछे की कहानी और आखिर क्यों सजाते है क्रिसमस ट्री…
25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु का जन्मदिन… ये खास दिन भारत समेत पूरी दुनिया में क्रिसमस के नाम से धूमधाम से मनाया जाता है, 24 दिसंबर रात से ही क्रिसमस की रौनक शुरू हो जाती है और साथ ही बधाइयों का सिलसिला भी जारी हो जाता है. खास कर बच्चों के बीच इसका उत्साह साफ देखने को मिलता है. देश के सभी शहरों में लोगों के घर क्रिसमस ट्री सजाया जाता है, आज हम आपको बताते है कि आखिर ये दिन क्यों मनाया जाता है.
क्रिसमस की कहानी
दरासल क्रिसमस डे ईसाई धर्म के लोगों का प्रमुख पर्व है, यह पर्व विश्व में फैले ईसा मसीह के करोड़ों अनुयायियों के लिए पवित्रता का संदेश लाता है. क्रिसमस को पूरी दुनिया में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, इसे ‘बड़ा दिन’ के भी नाम से जाना जाता है, कहा जाता है कि इस दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था और इसिलिए इस दिन का खास महत्व है.
क्यों सजाते हैं क्रिसमस ट्री
चलिए इसके साथ ही हम आपको बताते है कि इस दिन हम घरों में क्रिसमस ट्री क्यों सजाते हैं. बता दें कि क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में हजारों सालों पहले हुई. उस समय लोग देवदार के पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टिवल मनाया करते थे, इसके अलावा लोग चेरी के पेड़ की टहनियों को भी सजाया करते थे. जो लोग इन पौधों को खरीद नहीं पाते थे, वो लकड़ी का पिरामिड बनाकर क्रिसमस मनाया करते थे. धीरे-धीरे क्रिसमस ट्री का चलन हर जगह बढ़ा और अब हर कोई क्रिसमस के मौके पर इस पेड़ को अपने घर लाता है और इसे टॉफी, चॉकलेट्स, खिलौने, लाइट्स, बेल्स और गिफ्ट्स से सजाता है…