बाढ़ के कहर से जूझ रहे हैं कई गांव, हाइवे या रेल पटरियों के किनारे रहने को मजबूर हैं पीड़ित ग्रामीण

बाढ़ के कहर से जूझ रहे हैं कई गांव, हाइवे या रेल पटरियों के किनारे रहने को मजबूर हैं पीड़ित ग्रामीण

बिहार के गोपालगंज में लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है…बाढ़ ने लोगों को इस कदर परेशान कर दिया है वो अपने आप को असमर्थ महूसस कर रहे हैं…कुछ ही समय पहले यहां के लोगों ने तंबू से घर वापसी की थी…लेकिन बाढ़ के पानी ने इस कदर आतंक मचाया कि उन्हें फिर से मजबूरन तंबू में वापस जाना पड़ा…बता दें यहां के स्थानीय लोग 24 जुलाई से ही ऐसे हालात से जूझ रहे हैं…बाढ़ का पानी करीब 150 गांव के लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है…लोगों के लिए रहने, खाने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं…


रिपोर्ट के मुतबाकि सबसे बत्तर हालत बैकुंठपुर और बरौली प्रखंड में है जहां चारों ओर देखने पर सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है…बड़ी मुश्किलों को झेलने के बाद तो यहां के लोग अपने घरों की ओर लौटे थे.. लेकिन अब फिर से वो तंबू में रहने को मजबूर हैं…आलम ये है कि लोगों को सड़कों के किनारे टेंट लगाकर रहना पड़ रहा है…बरौली नगर पंचायत के गांवों की बात करें तो यहां के स्थानीय निवासी एनएच 28 या रेल पटरियों के किनारे जान जोखिम में डालकर टेंट में रहने को मजबूर हैं…


बाढ़ पीड़ित के मुताबिक, उनकी झोपड़ी बाढ़ के पानी में बह गई.. जिसमें कपड़े समेत अन्य जरूरी समान भी बह गया…पीड़ित का कहना है कि एक महीने पहले उन्हें जो पॉलिथीन शीट मिली थी, अब वो उसी के सहारे रह रहे हैं…वहीं सरकार की ओर से जारी अनुदान राशि 6000 रुपए अभी भी लोगों तक नहीं पहुंची है…


बता दें बैकुंठपुर और बरौली की सड़के पूरी तरह जलमग्न हैं..उनपर बाढ का पानी बह रहा है…लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आना-जाना कर रहे हैं…बाढ़ से परेशानी काफी लोग गांव से पलायन करने को मजबूर हैं…उनके पास ना तो रहने को घर है और ना ही भोजन…

Pratiksha

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