आज है सुहागिनों का दिन करवा चौथ , आखिर क्यों मनाते है इस दिन को ये है मान्यता
आज है सुहागिनों का दिन करवा चौथ , आखिर क्यों मनाते है इस दिन को ये है मान्यता
चांद की खुबसूरती आज पूरे शवाब पर है
आज एक चांद दूसरे चांद के इंतजार में है
जी हां करवा चैथ सिर्फ एक त्योहार नही हैं, ये प्रतीक पति पत्नी के पावन रिश्ते का, ये प्रतीक है, एक दूसरे पर विश्वास का, सम्मान का, सुख का दुख का और एक दूसरे के प्रति प्यार का…
करवा चौथ को हर औरत सज संवर कर, हाथों में मेंहदी लगाकर, चूड़ी पहन कर सोलह श्रृंगार करके अपने अपने पिया से मिलने का इंतजार करती है, कि कब उसका पिया आएगा और उसका व्रत तोड़ेगा
क्यों रखते हैं ये व्रत
महिलाएं ये व्रत अपने पति के लंबा उम्र के लिए रखती हैं, ये व्रत अलग-अलग जगह में एलग अलग मान्यताओं रे अनुरूप रखा जाता है, लेकिन इन मान्ताओं का मतलब सिर्फ एक है, पति की सुरक्षा की मनोकामना
क्या है मान्यताएं
मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहले माता पार्वती ने यह व्रत शिवजी के लिए रखा था। इसके बाद ही उन्हें अखंड सौभाग्य प्राप्त किया था। इसलिए इस व्रत में भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है।
इसके अलावा सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राणों को वापस मांग लिया था। कहा जाता है कि तभी से महिलाएं इस व्रत का पालन करती हैं।
सभी देवताओं की पत्नियों ने एक साथ रखा था करवा चौथ व्रत
एक बार देवताओं और राक्षसों के बीच भयानक युद्ध छिड़ गया जिसमें देवताओं की हार होने लगी। हार से बचने के लिए सभी देवता ब्रह्राजी के पास गए। तब उन्होंने जीत के लिए उपाय बताया। ब्रह्मदेव ने कहा कि इस संकट से बचने के लिए सभी देवताओं की पत्नियों को अपने-अपने पतियों के लिए व्रत रखना चाहिए