आखिर क्यों इस बार दुर्गा पूजा या नवरात्र एक माह बाद शुरू हो रहे हैं, जानिए कारण
आखिर क्यों इस बार दुर्गा पूजा या नवरात्रे एक माह बाद शुरू हो रहे हैं, जानिए कारण
क्या आप जानते हैं कि इस बार दुर्गा पूजा या नवरात्रे की शुरूआत करीब एक माह बाद शुरू होगी…जबकि आमतौर पर दुर्गा पूजा के उत्सव महालया के सात दिन बाद शुरू हो जाते हैं लेकिन इस साल ये त्योहार महालया के एक महीने बाद शुरू होगा…बता दें आश्विन माह की अमावस्या को महालय अमावस्या कहते है जो पितृ पक्ष के आखिरी दिन मनाई जाती है.
बता दें बंगाली समाज में महालया से ही दुर्गा पूजा की शुरूआत हो जाती है…लेकिन इस साल ऐसा नहीं हो रहा है…पंचांग के मुताबिक महालया और दुर्गा पूजा के बीच इतने लंबे अंतराल की वजह ‘मलमास’ बताया जा रहा है… इस बार मलमास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक रहेगा…
मलमास के दौरान ना तो कोई शुभ कार्य किया जाता है और ना ही कोई त्योहार मनाया जाता है…बता दें कि बंगाली महीना आश्विन एक चंद्र महीना होता है और इसके खत्म होने के बाद ही दुर्गा पूजा या नवरात्रे शुरू होते हैं.
हिंदू कैलेंडर के हिसाब से प्रत्येक तीन साल में एक बार अतिरिक्त महीना जुड़ जाता है जिसे अधिकमास, मल मास या पुरुषोत्तम कहा जाता है…जहां सूर्य वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है… वहीं चंद्र वर्ष 354 दिन का माना जाता है…इस तरह दोनों वर्ष के बीच लगभग 11 दिन का अंतर होता है…अगर प्रत्येक वर्ष घटने वाले इन 11 दिन को जोड़ा दिया जाए तो ये मिलकर एक माह के बराबर होते हैं… कहते हैं कि इसी अंतर को पूरा करने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अस्तित्व में आता है जिसे हम अधिकमास या मलमास नाम से जानते हैं.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब दुर्गा पूजा या नवरात्रे देरी से शुरू होंगे… इससे पहले 2001 में दुर्गा पूजा महालया के 30 दिन बाद मनाई गई थी…मान्यता है कि महालया अमावस्या के बाद कैलाश पर्वत से मां दुर्गा धरती के लिए अपनी यात्रा शुरू करती हैं…
बता दें इस साल दुर्गा पूजा या नवरात्रे की शुरूआत 17 अक्टूबर से होगी…मां दुर्गा की उपासना का पर्व 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक मनाया जाएगा… हर साल इस दौरान जगह-जगह पंडाल सजाएं जाते हैं और मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है…लेकिन हो सकता है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल कम ही रौनक देखने को मिले…