अद्भुत है इस मंदिर का रहस्य जाने क्यूं.. मंदिर में आते ही पुरूष बन जाते हैं औरत
अद्भुत है इस मंदिर का रहस्य जाने क्यूं.. मंदिर में आते ही पुरूष बन जाते हैं औरत
आपने महिलाओं को तो सजते-संवरते और श्रृंगार करते हुए जरूर देखा होगा…लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां पुरूष महिलाओं की भांति श्रृंगार करते हैं वो भी एक या दो नहीं पूरे 16 श्रृंगार कर भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं…जी हां यहां हम बात कर रहे हैं केरल के कोल्लम जिले में स्थित कोट्टनकुलंगरा देवी मंदिर की…
बता दें इस मंदिर में पूजा करने का विशेष नियम है। यहां किसी भी पुरुष को मंदिर में तभी प्रवेश दिया जाता है जब वह स्त्री की ही तरह 16 श्रृंगार करके आता है। बताते हैं कि इस अनोखे मंदिर में देवी की आराधना करने का यह अनोखा रिवाज कई सालों से चला आ रहा है…यहां प्रत्येक वर्ष ‘चाम्याविलक्कू’ पर्व पर विशेष आयोजन होता है। इस दिन यहां हजारों की संख्या में पुरुष 16 श्रृंगार करके पहुंचते हैं।
किस मुराद के लिए पुरूष करते हैं 16 श्रृंगार
बताते हैं कि पुरुष यहां अच्छी नौकरी और अच्छे जीवनसाथी की मुराद लेकर आते हैं और उनकी सारी इच्छाएं भी पूरी होती हैं…यही कारण है कि यहां पुरुष महिलाओं के भेष में आते हैं…पुरूष मंदिर में मां की आराधना करके उनसे मनवांछित नौकरी और पत्नी का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं।
मंदिर से जुड़ी मान्यता
मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित मां की मूर्ति स्वयं ही प्रकट हुई है। इसके अलावा यह केरल प्रांत का अकेला ऐसा मंदिर है जिसके गर्भगृह के ऊपर किसी भी तरह की कोई छत नहीं है। बताते हैं कि वर्षों पहले कुछ चरवाहों ने मंदिर के स्थान पर ही महिलाओं की तरह कपड़े पहनकर पत्थर पर फूल चढ़ाए थे। इसके बाद पत्थर से शक्ति का उद्गम हुआ। धीरे-धीरे आस्था इतनी बढ़ गई कि इस जगह को मंदिर में परिवर्तित कर दिया गया। मंदिर के बारे में एक और मान्यता है कि हर साल मां की प्रतिमा कुछ इंच तक बढ़ जाती है।
पुरुष श्रृंगार कैसे करते हैं
वैसे तो पुरुष मंदिर में प्रवेश से पहले ही बाहर से ही 16 श्रृंगार करके आते हैं। लेकिन अगर कोई दूसरे शहर से आया है या बाहर से श्रृंगार करके नहीं आया है तो उसके लिए मंदिर में ही व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर में ही मेकअप रूम है जहां पुरुष 16 श्रृंगार कर सकते हैं। इसमें लड़के की मां, पत्नी और बहन भी मदद करती हैं।