तांडव मेकर्स पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला

तांडव मेकर्स पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला

15 जनवरी को रिलीज हुई वेब सीरीज ‘तांडव’ अभी भी विवादों में घिरी हुई है. इस सीरीज के निर्देशक अली अब्बास जफर और कईयों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में कई तरह के आपराधिक मामले दर्ज कराएं गए हैं. ऐसे में दायर की गई याचिकाओं पर बुद्धवार को सुरप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. दरअसल अमेजन प्राइम की वेब सीरीज ‘तांडव’ से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, जिसे लेकर कई तरह की शिकायतें दर्ज कराई गई थीं.
अली अब्बास जफर के अलावा अमेजन प्राइम इंडिया प्रमुख अपर्णा पुरोहित, निर्माता हिमांशु मेहरा, कहानी के लेखक गौरव सोलंकी और अभिनेता मोहम्मद जीशान अयूब के खिलाफ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में दर्ज की गई प्राथमिकी के खिलाफ तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया जवाब
इस मामले पर न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने दर्ज की गई प्राथमिकी के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई की. साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि जिन राज्यों में एफआईआर दर्ज कराई गई है, वहां जांच चलने दीजिए, परेशानी ही क्या है? ऐसे में सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने अपने पक्ष की बात रखते हउए कहा कि, याचिकाकर्ता मुंबई का निवासी है. वह 6 अलग अलग राज्यों में किस हिसाब से केस लड़ेगा? इसलिए अदालत सभी राज्यों में दर्ज एफआईआर क्लब कर दे और मुंबई स्थानांतरित कर दे.
इसके साथ ही वकील ने एम एफ हुसैन समेत कई और ऐसे मामलों का जिक्र किया जिन केस में ऐसा हो चुका है. मुकुल रोहतगी ने अमेजन प्राइम की तरफ से यह बात भी कही कि, हमने कुछ गलत नहीं किया है. हम इतना ही चाहके हैं कि सभी 7 एफआईआर, जो 6 राज्यों में दर्ज कराई गई हैं, वो एकसाथ क्लब कर दी जाएं और एक राज्य में सुनवाई के लिए भेज दी जाए.
इस बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, ऐसी एक्टिंग और स्क्रिप्ट नहीं करनी चाहिए, जिससे औरों की भावनाओं को ठेस पहुंचे. आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है एफआईआर को लेकर, आखिर हम किस तरह इस पर सुनवाई करें. आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका किस आधार पर दाखिल की है.

गिरफ्तारी पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया मना
इसके साथ ही वकील की तरफ से रखी गई बात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एफआईआर को क्लब करने वाली मांग पर सोच-विचार करेंगे. लेकिन इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में दर्ज कराई गई एफआईआर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. वेब सीरीज तांडव के निर्माता, लेखक और अभिनेता के खिलाफ देश में कई जगह दर्ज कराई गई FIR को आपस में जोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है.
इसके साथ ही अंतरिम प्रोटेक्शन भी देने से साफ मना कर दिया है. यही नहीं कोर्ट ने तो गिरफ्तारी वाले आदेश पर रोक लगाने से सीधा इनकार कर दिया है. हालांकि इस के अलगी सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते बाद की डेट दी है, और यह भी कहा है कि इस राहत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं.

Pratiksha

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