तो इसलिए नहीं मिल पाए राधा और कृष्ण, ऐसे हुई राधा की मृत्यू
तो इसलिए नहीं मिल पाए राधा और कृष्ण, ऐसे हुई राधा की मृत्यू
कल देश भर में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा, ये दिन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. जन्माष्टमी में हर भक्त सबकुछ भूल कर अपने श्याम के रंग में रंग जाता है. दुनिया का मोह छोड़ श्रीकृष्ण में रम जाता है. और अपने आराध्य के भक्ति में लीन हो जाता है.
श्रीकृष्ण के आनेको नाम है, और उनसे जुड़ी अनेकों कहानियां भी है. पर उनके इन कहानियों जिनका सबसे ज्या जिक्र होता है वो हैं. राधारानी जी हां श्याम की राधा, वो राधा जिनके प्रेम को हर यूग में याद किया जाता है. राधा कृष्ण के प्यार को दुनिया कभी नहीं भूल सकती है.
लेकिन क्या आप जानते है कि आखिर राधा और कान्हा के बीच इतना अटूट प्रेम होने के बाद भी दोनों क दूसरे के क्यों नहीं हो सके, आखिर ऐसा क्या हुआ कि इनके पावन प्रेम को जुदा होना पड़ा, इसे लेकर कई कहानियां जिनमें एक आज हम आपको बताएंगे.
जब भगवान कृष्ण ने रुकमणी से कर ली शादी
कृष्ण ने जब वृंदावन छोड़ा तो वो राधा से ये वादा करके गए थे कि वो उनसे मिलने वापस आएंगे. लेकिन कृष्ण वापस नहीं आए और रुकमणी से शादी कर ली, और उन्हीं के होकर रह गए. रुकमणी को लक्ष्मी का रूप माना गया है और वो कृष्ण से मिले बिना ही उन्हें अपना पति मानती थीं, दरासल मथुरा में कंस को मारने के बाद द्वारका में बस गए.
कहा जाता है कि कृष्ण के वृंदावन छोड़ने के बाद राधा की शादी एक यादव से हो गई, राधा ने शादी शुदा होने का हर धर्म निभाया. लेकिन उनका मन हमेशा कृष्ण के लिए ही समर्पित रहा
जब राधा के मृत्यू को कृष्ण नहीं कर पाए बर्दाश्त
लोककथाओं के मुताबिक, जीवन के अंतिम दिनों में राधा कृष्ण से मिलने द्वारका गईं थीं. लेकिन, वहां जाकर राधा को लगा कि कृष्ण से करीब रहना अब उस तरह का अनुभव नहीं है. इसके बाद वो वापस चली आईं, अपने जीवन के अंतिम क्षणों में कृष्ण ने राधा के लिए सबसे मधुर बांसुरी की धुन बजाई. कहा जाता है कि इसके बाद ही राधा जी कृष्ण में विलीन हो गईं और कृष्ण ये दुख बर्दाश्त ना कर सके और उन्होंने दुख में अपनी बांसुरी तोड़ दी.