Shivratri Special : जिस पावन स्थान पर निवास करते हैं सदाशिव साक्षात
Shivratri Special : जिस पावन स्थान पर निवास करते हैं सदाशिव साक्षात
जिस पावन स्थान पर साक्षात सदाशिव निवास करते हैं, जहां भगवान शिव के साथ माता पार्वती शक्ति रूप में विराजमान हैं… जहां दर्शन मात्र से मानों समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं…. महादेव के इस धाम को 12 ज्योतिर्लिंगों में से दूसरा स्थान प्राप्त है.
श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। जिसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भगवान शिव जी एवं माता पार्वती जी का संयुक्त रूप है। मल्लिका का अर्थ है मां पार्वती जी एवं अर्जुन शब्द भगवान शिव जी का वाचक है।
यह पवित्र धाम अपनी वास्तुकला एवं मूर्तिकला के लिए समस्त संसार में प्रसिद्ध है। मंदिर का प्रवेश द्वार अत्यंत विशाल है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के परिसर में भगवान भोलेनाथ जी के सबसे प्रिय नंदी महाराज की विशाल प्रतिमा स्थापित है। देवालय की दीवारों पर पौराणिक कथाओं को भव्य तरीके से तराशा गया है जो इस पावन धाम का आकर्षण का केंद्र मानी जाती है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से विशेष प्रकार की सुख की अनुभूति प्राप्त होती है। यह एक पवित्र स्थान है जहां दर्शन मात्र से जीवन सुख, शांति और समृद्धि से पूर्ण हो जाता है।