लखनेश्वर डीह में मिलते हैं प्रभु राम के निशान
भारत ने अपने अंदर कई रहस्य छुपा कर रखे हैं, यहां हजारों मंदिर हैं और उन मंदिरों में छिपी हैं न जाने कितनी कहानियां, इतिहास के इन्हीं अद्भुत किस्सों आज हम आपको रूबरु कराते हैं…. रसड़ा तहसील मुख्यालय से लगभग सात किमी दक्षिण तमसा नदी के किनारे मुड़ेरा गांव स्थित लखनेश्वर डीह किला पौराणिक है। यह ऐतिहासिक किला अपने गर्भ में अनेक रहस्य भी छिपाए हुए है। यह पौराणिक इसलिए है कि कालांतर में भगवान श्रीराम अनुज लक्ष्मण के साथ ताड़का वध करने इसी मार्ग से बक्सर गए थे और यहां उन्होंने विश्राम किया था। इसी स्थान पर लक्ष्मण जी ने भगवान शिव की स्थापना की थी जिस कारण इसका नाम लखनेश्वर डीह किला पड़ा। कहा जाता है कि यह एक राजा का किला था जिसके नीचे अभी भी अकूत खनिज सम्पदा दबी पड़ी है। इसी किले के पास एक खेत में वर्ष 1954 में जोताई के समय बेशकीमती काला पत्थर की विष्णु प्रतिमा मिली थी। उसे यहां स्थापित किया गया है। अभी कुछ दिनों पूर्व शिवलिंगों का समूह भी खेतों की जोताई में प्राप्त हुआ है। यदा-कदा यहां आए दिन पुरातन सिक्के आदि भी मिलते रहते हैं। इसके भूगर्भ में अभी भी अकूत खनिज संपदा दबी पड़ी है। पुरातत्व विभाग को इस भूमि की सर्वेक्षण कर इसकी खोदाई करनी चाहिए ताकि इस किले की भूमि में दबी संपदा पर से पर्दा उठ सके।