प्राइवेट पैथोलॉजी लैब भी करेंगे कोरोना जांच, जानें कैसे

कोराना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. इसको रोकने की कोई दवा नहीं है, सिर्फ उपाय है. सबसे बड़ा उपाय है लॉकडाउन. अगर आप घर में रहें तो तय मानिए कोरोना वायरस हार जाएगा.

जांच को लेकर लोगों का फोन आता है या वेबसाइट पर जाकर लोग इसकी मांग करते हैं. हालांकि आम आदमी खुद टेस्ट की मांग नहीं कर सकता क्योंकि मरीज को पहले किसी डॉक्टर के पास जाना होता है और जांच करानी होती है. डॉक्टर उस व्यक्ति को सर्टिफाई करता है. डॉक्टर उस व्यक्ति की पूरी हिस्ट्री लेता है, यह जांच करता है कि कहीं वह व्यक्ति इटली या दूसरे देशों से तो नहीं आया. डॉक्टर यह पता करता है कि वह व्यक्ति किसी ऐसी पार्टी में नहीं गया जहां कोई कोरोना इनफेक्टेड शख्स आया हो जिसकी जांच पॉजिटिव निकली हो. ये सब हिस्ट्री लेने के बाद डॉक्टर को लगता है उस व्यक्ति को कोविड-19 हो सकता है तो एक फॉर्म 44 डॉक्टर की ओर से भरा जाता है, जिस पर डॉक्टर साइन करते हैं.

उस फॉर्म में मरीज की पूरी डिटेल्स होती है, जैसे मरीज की उम्र क्या है, कहां रहते हैं, आधार या सरकार की ओर से जारी किसी भा कार्ड को उसमें दर्ज किया जाता है. डॉक्टर जब इन सभी बातों को दर्ज करने के बाद फॉर्म पर साइन करते हैं उसके बाद हमारा काम शुरू होता है. उसके बाद हमलोग (लैब के कर्मचारी) मरीज के घर जाते हैं. गाउन पहनकर और शरीर को पूरा ढंक कर जिसमें ग्लव्स और मास्क भी शामिल हैं, हम मरीज तक पहुंचते हैं. मरीज से नाक और गले के जरिये दो स्वैब लिए जाते हैं. इन दोनों स्वैब को वायरस ट्रांसपोर्ट मीडियम में डालकर लैब के अंदर लाया जाता है. लैब में पूरे सुरक्षा उपकरणों के साथ स्वैब का टेस्ट किया जाता है. हमारा पूरा टेस्ट बिल्कुल स्पष्ट है क्योंकि हम या तो निगेटिव बताएंगे या पॉजिटिव बताएंगे. इस पूरे टेस्ट में 24 घंटे तक का वक्त लगता है.

Saloni Tyagi

Saloni has a bachelor's degree in Mass Comm and Journalism and has a deep interest in writing Hindi news, journo, and articles. She is working as a writer and curator for us and giving out her best to show her skills. Follow@Twitter

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