कवि कुंवर बेचैन ने कोरोना के चलते दुनिया को कहा अलविदा, नोएडा में चल रहा था इलाज
कवि कुंवर बेचैन ने कोरोना के चलते दुनिया को कहा अलविदा, नोएडा में चल रहा था इलाज
कोरोना महामारी अब जानलेवा बन चुका है. हर दिन इस संक्रमण से हजारों लोगों की मौत हो रही है. केस 3 लाख के पार हर दिन आ रहे हैं. अस्पतालों में लाखों जिंदगियां मौत से लड़ रही हैं. इसी बीच एक और हैरान करने वाली खबर सामने आई है. गुरुवार को कोरोना बीमारी के चले देश के मशहूर कवि और गीतकार डॉ. कुंवर बेचैन ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. बताया जा रहा है कि, कुंवर बेचैन का नोएडा के कैलाश अस्पताल में इलाज चल रहा था.
हिंदी साहित्य के मशहूर लेखकों में शुमार कुंअर बेचैन ने कई प्रकार के साहित्य-सृजन किया है. उनके गीत संग्रह, ग़ज़ल संग्रह, काव्य संग्रह, महाकाव्य और एक उपन्यास भी प्रकाशित हो चुका है. डॉ० कुंअर बेचैन का असल नाम डॉ० कुंवर बहादुर सक्सेना है.
साल 1942 में 1 जुलाई को वो उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के उमरी गांव में जन्मे थे. उनका बचपन चंदौसी में बीता. उन्होंने एम.कॉम के साथ एम.ए (हिंदी) व पी-एच.डी की पढ़ाई की थी. दिलचस्प बात तो यह है कि, गाजियाबाद के एम.एम.एच. महाविद्यालय में वो हिन्दी विभागाध्यक्ष के रूप में पढ़ाने का काम करते थे. साथ ही वो यहां पर रीडर भी रहे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, कवि कुंअर बेचैन को साहित्य सम्मान (1977), उ०प्र० हिंदी संस्थान का साहित्य भूषण (2004), परिवार पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. इसके साथ साल 2004 मुंबई में उन्हें, राष्ट्रपति महामहिम ज्ञानी जैलसिंह और महामहिम डॉ शंकरदयाल शर्मा ने भी सम्मानित किया था. हालांकि उनके निधन की खबर देश के लिए बहुत बड़ी दुखद खबर है.