हाथरस गैंगरेप केस में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने, उठ रहे हैं सवाल
हाथरस गैंगरेप केस में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने, उठ रहे हैं सवाल
हाथरस गैंगरेप में पुलिस भी शक के घेर में हैं क्योंकि पुलिसवालों की अमानवीयता का चेहरा सबके सामने आ गया है…देशभर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.. मामले को बढ़ता देख अब हाथरस केस में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है… उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी टीम इस मामले की जांच करेगी..
बताया जा रहा है कि गठित एसआईटी टीम में दलित और महिला अधिकारी को भी शामिल किया गया है…इसके मेंबर्स की बात करें तो इसमें गृह सचिव भगवान स्वरूप, डीआईजी चंद्र प्रकाश और सेनानायक पीएसी आगरा पूनम का नाम शामिल हैं…सीएम योगी ने केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाने के लिए निर्देश दिया है…
मालूम हो कि हाथरस गैंगरेप मामला 14 सितंबर का है…हाथरस जिले के चंदपा थाने के गांव की रहने वाली दलित युवती के साथ चार लड़कों ने बारी बारी से रेप किया…इतना ही नहीं उन दरिंदों ने युवती की जीभ काट डाली और गले की हड्डी भी तोड़ दी थी…हालत बिगड़ने पर पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था…जहां बीते मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया…
बता दें लड़की की मौत के बाद लोगों में काफी नाराजगी है…क्योंकि परिजन शव को घर ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक ना सुनी…सूत्रों के मुताबिक करीब 200 पुलिसवाले ने घरवालों की मांग को नजरअंदाज करते हुए शव को तकरीबन रात 2 बजकर 20 मिनट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए…इतना ही नहीं पुलिसवालों ने किसी को भी चिता के पास जाने तक नहीं दिया… बता दें पुलिस के इस बरताव के चलते लोगों में भारी आक्रोश है…हर कोई इसका विरोध कर रहा है…