9वें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं, नवरात्रि में करें ऐसे पूजा
9वें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं, नवरात्रि में करें ऐसे पूजा
नवरात्रि का दिन चल रहा है बुद्धवार को चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन है. ऐसे में जो लोग नवमी पूजते हैं, उनके लिए ये बड़ा दिन कहा जाता है. इस बार 9वां दिन 21 अप्रैल को पड़ रहा है. 9वें दिन मां मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इन्हें सभी सिद्धियों की दाता माना जाता है. यही कारण है कि, इन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है. लोग नौवें दिन इनकी पूरी विधि-विधान से पूजा करते हैं.
कहा जाता है कि, सिद्धिदात्री माता पूजा जो भी सच्चे मन से करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कृपा से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. इसके साथ ही मार्कण्डेयपुराण में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्वये आठ तरह की सिद्धियों के बारे में बताया गया है.
माता सिद्धिदात्री सभी सिद्धियां अपने भक्तों को फल के रूप में देती हैं. मां दुर्गा के इस अंतिम रूप की पूजा के साथ ही नवरात्र के अनुष्ठान का समाप्ति होती है. इसे रामनवमी के नाम से भी लोगों के बीच जाना जाता है. शारदीय नवरात्रि में इसके अगले दिन को 10वें दिन रावण पर राम की विजय प्राप्त करने के तौर पर लोगों के बीच जश्न मनाया जाता है.
दुर्गा पूजा नवरात्री नवमी पूजा
दरअसल मां दुर्गा की नौवीं शक्ति के रूप में सिद्धिदात्री को पूजा जाता है. नवरात्रि के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा करने के बाद सभी भक्त अपने घरों में कन्या जमाते हैं. इस दिन भक्तों को सारी सिद्धियों की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि, दुर्गा मां संसार के कल्याण के लिए 9 रूपों में प्रकट हुई थी.
मां का नौवां रूप मां सिद्धिदात्री थीं. जो प्रसन्न होने के बाद पूरे जगत की रिद्धि-सिद्धि अपने भक्तों को प्रदान करती हैं. स्वभाव में मां बेहद सौम्य मानी जाती हैं. देवी मां की चार भुजाएं हैं दायीं भुजा में माता ने चक्र और गदा धारण किया है. जबकि मां की बांयी भुजा में शंख और कमल का फूल विराजता है. इनकी पूजा करने के बाद आप मंत्र- “सिद्धगन्धर्वयक्षाघरसुरैरमरैरपि सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी..” का जाप जरूर करें.