Mysterious Temple: यहां होती है भीम की पत्नी की पूजा, इस मंदिर में जाने से पूरी होती है हर मन्नत
Mysterious Temple: यहां होती है भीम की पत्नी की पूजा, इस मंदिर में जाने से पूरी होती है हर मन्नत
हिमाचल प्रदेश के मनाली में मौजूद यह मंदिर भारतीय महाकाव्य के महाभारत के भीम की पत्नी हिडिम्बा देवी को समर्पित है। यह प्राचीन मंदिर हिमालय पर्वतों के पास डुंगरी शहर के पास देवदार पेड़ों से घिरा हुआ है। पौराणिक कथा के अनुसार भीम और पांडव मनाली से जब जा रहे हैं थे तब उन्होंने हिडिम्बा को राज्य की देखभाल करने का जिम्मा दिया था। एक अन्य कथा है कि जब उनका बेटा घटोत्कच बड़ा हुआ तो उसे राज्य का भार देकर वो जंगल में ध्यान करने चली गई।
कई वर्षों बाद उनकी प्रार्थना सफल हुई और देवी को गौरव प्राप्त हुआ। इस स्थान पर महाराजा बहादुर सिंह ने मंदिर का निर्माण करवाया था।हिडिम्बा पांडवों के दूसरे भाई यानी भीम की पत्नी थीं। कहा जाता है कि हिडिम्बा एक राक्षसी थी जो अपने भाई हिडिम्ब के साथ इस क्षेत्र में रहती थी। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने कसम खाई थीं कि जो भी व्यक्ति मेरे भाई हिडिम्ब को युद्ध में हरा देगा उससे वो शादी कर लेंगी। कुछ समय बाद पांडव निर्वासन के समय यहां पहुचें और हिडिम्ब से लड़ाई हुई और लड़ाई में हिडिम्ब हार गया। युद्ध में बाद हिडिम्बा और भीम की शादी हो गई।
आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण 1553 ईस्वी में महाराज बहादुर सिंह ने कराया था। पगोड़ा शैली इस मंदिर की खासियत है। लकड़ी से निर्मित इस मंदिर की चार छतें है। नीचे की तीन छतों का निर्माण देवदार की लकड़ी के तख्तों से हुआ है जबकि उपर की चौथी छत तांबे एवं पीतल से बनी है।
वहीं विहंगम दास नाम का शख्स एक कुम्हार के यहां नौकरी करता था। हिडिम्बा देवी ने विहंगम को सपने में दर्शन देकर उसे कुल्लू का राजा बनने का आशीर्वाद दिया था। इसके बाद विहंगम दास ने यहां के एक अत्याचारी राजा का अंत कर दिया था। वह कुल्लू राजघराने के पहले राजा माने जाते हैं। इनके वंशज आज भी हिडिम्बा देवी की पूजा करते हैं। कुल्लू राजघराने के ही राजा बहादुर सिंह ने हिडिंबा देवी की मूर्ति के पास मंदिर बनवाया था।