मर्द को भी दर्द होता है, बस वो जताना भूल जाते हैं…
आजकल जिधर देखो उधर बस एक ही चर्चा हो रही है डिप्रेशन और उससे होने वाले खतरे की। हममें से ज्यादातर लोग खुद को इससे कहीं न कहीं जोड़ सकते हैं क्योंकि न चाहते हुए भी हमारी हैप्पी सी लाइफ में एक ऐसा पल जरूर आता है जब हम खुद को एकदम अकेला महसूस करते है। जब हम लोगों के बीच में कहीं गुम से हो जाते है और हमारी ये छोटी सी फीलिंग कब बड़ी बन जाए हम खुद नहीं जानते। कुछ लोग इसे महसूस करते हैं और कुछ इसे बस बुरा वक्त और मूड समझकर भूल जाते हैं। जो समझ जाते है वो इससे लड़ते हैं और बाहर भी निकल आते हैं और कुछ समय के साथ इस दलदल में फंसते चले जाते हैं।
आज जब यह नेशनल टॉपिक बन गया है तो लोग इसे समझने की कोशिश कर रहे लेकिन इसे वही समझते हैं जो ऐसे दौर से खुद गुजरे हैं। यह एक ऐसा पल होता है जब आपको जरुरत होती है किसी अपने के साथ की पर इसके साथ ही आपको अकेले और खुद में ही रहने का भी मन होता है। कहने को तो लड़कियों के इमोशंस और मूड काफी अजीब होते हैं और हम कभी भी कुछ भी फील करने लग जाते हैं पर रिसर्च में यह साबित हो चुका है की लड़कियां इस मामले में भी लड़कों से काफी ज्यादा मजबूत हैं। वहीं लड़के जिन्हे बचपन से रोने के बजाय लड़ना सिखाया जाता है और मर्द को दर्द नहीं होता बताया जाता है। वह खुद के फीलिंग्स और इमोशंस से लड़ना भूल हैं और दर्द तो उन्हें भी उतना ही होता है बस उसे जाताना भूल जाते हैं।
तो अगर आपकी जिंदगी में कभी ऐसा पल आए तो प्लीज बी ब्रेव इनफ तो फाइट विथ इट। अपने घरवालों, दोस्तों या किसी चिकित्सक से बात करें, उनसे मदद लें क्योंकि ऐसे समय पर मदद लेकर खुद को बचाने में ज्यादा बहादुरी है। आज हमें यह समझने की जरुरत है कि बात करना, खुद को समझना, अपनी फीलिंग शेयर करना ज्यादा कूल है। क्योंकि इस दुनिया में सबसे अहम चीज है हमारी जिंदगी।