मेरठ: नम आंखो से शहीद मेजर मयंक विश्नोई का हुआ अंतिम संस्कार, परिवार वालों का है बुरा हाल
मेरठ: नम आंखो से शहीद मेजर मयंक विश्नोई का हुआ अंतिम संस्कार, परिवार वालों का है बुरा हाल
जम्मू कश्मीर के शोपियां में भारत के एक और जवान के शहीद होने की खबर ने परिवार और गांव वालों को अंदर तक झकझोर दिया है. शोपियां में शहीद हुए मेरठ के मेजर मयंक विश्नोई का पार्थिव शरीर आज (सोमवार) उनके पैतृक आवास पर पहुंचा. इसके बाद यहां से शहीद अंतिम यात्रा सूरजकुंड पहुंची. पूरे गांव शोक में डूब हुआ है. परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है.
शहीद मयंक विश्नोई का नम आंखों से अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान यहां पर मौजूद हर किसी शख्स के आंखों में आंसू आ गए थे. तो वहीं शहीद के स्वागत की तैयारी में कंकरखेड़ा के व्यापारी, समाजसेवी और राजनैतिक दल के लोग सुबह से ही जुटे थे.
पुष्प और राष्ट्रीय ध्वज पूरे बाजारों में लगाए गए हैं. हिंडन एयर बेस से सड़क मार्ग की ओर से दोपहर बाद शहीद मेजर मयंक का पार्थिव शरीर उनके घर मेरठ पहुंचा. हालांकि इससे पहले ही हिंडन एयर बेस पर केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद वी के सिंह ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की थी.
शहीद मेजर मयंक का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके आवास कंकखेड़ा पहुंचा. वैसे ही उनके परिवार वाले खुद को संभाल नहीं सके. चारो तरफ सिर्फ मातम का माहौल दिखा. गली में लोगों की भीड़ शहीद को बस एक झलक देखना चाहती थी. हर कोई शहीद के अंतिम दर्शन के बेचैन दिखा.
यहां से शहीद की अंतिम यात्रा सूरजकुंड पहुंची. इस दौरान लोगों ने उन पर फूलों की वर्षा की. गेट पर खड़ी महिलाओं ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी. दरअसल शोपियां में 27 अगस्त को आतंकियों से एक मुठभेड़ हुई थी. जिसमें मेजर मयंक विश्नोई के सिर में गोली लग गई थी. उन्हें काफी गंभीर हालत में उधमपुर के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इसी जानकारी परिवार वालों को दे दी गई थी. वो सभी उधमपुर पहुंच गए थे. लेकिन, उमसे मिलने के बाद मा-पिता और बहन वापस आ गईं थीं. लेकिन पत्नी स्वाति उनके साथ ही रुक गईं थी. हालांकि शनिवार को मेजर मयंक सैनिक अस्पताल में इलाज के दौरान शहीद हो गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ के शहीद मेजर मयंक बिश्नोई को श्रद्धांजलि दी है. इसके साथ ही परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद भी दी है.
इसके अलावा सीएम ने घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व एक सड़क का नामकरण शहीद मयंक बिश्नोई के नाम पर करने का ऐलान किया है. शहीद मयंक विश्नोई के पिता वीरेंद्र और मां मधु शाम साढ़े 7 बजे उधमपुर से घर पहुंचे थे. इसके बाद अचानक से बेटे के शहीद होने की खबर ने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया है.