अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत ने सिर्फ साधु-संतुओं में रोष ही नहीं पैदा किया है बल्कि इससे संत समाज को एक बड़ा झटका भी लगा है. उनकी मौत की गुत्थी सुलझाने की कोशिश जारी है. शुरुआती जांच में भले ही ये आत्महत्या जैसे मसला लग रहा है लेकिन, उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) अभी भी हर एंगल से इसकी तफ्तीश में जुटी हुई है. नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में अब संपत्ति का विवाद होने की भी बात का भी खुलासा हुआ है. साथ ही एक वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किए जाने का भी चौंकाने वाला एंगल सामने आ रहा है. जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है.
आनंद गिरि ने लगाया संपत्ति के विवाद का आरोप
दरअसल महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद पुलिस को उन्हीं के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था. जिसमें शिष्य आनंद गिरि की ओर से मानसिक प्रताड़ना दिए जाने का आरोप लगा है. काफी लंबे वक्त से आनंद गिरि के साथ उनका विवाद चल रहा था. जिसके आधार पर पुलिस ने अभी आनंद गिरि को अपनी हिरासत में लिया है. हैरानी की बात तो ये है कि, हिरासत में लिए जाने से पहले ही आनंद गिरि ने इस तरह का दावा किया था कि, नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते हैं बल्कि ये एक हत्या है.
आनंद गिरि ने तो इस तरह का भी आरोप लगाया है कि, इस तरह की साजिशे इसलिए रची जा रही हैं ताकि संपत्ति को हड़पा जा सके. इन्हीं लोगों ने उनका नरेंद्र गिरि के साथ विवाद करवाया था. आनंद गिरि ने इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया था कि, एक साल से प्रयास किया जा रहा है कि, उन्हें महंत नरेंद्र गिरि से दूर कर दिया जाए. लेकिन मैं 1200 किमी. दूर बैठे हुए कैसे किसी को आत्महत्या के लिए उकसा सकता हूं.
आनंद गिरि ने तो ये भी कहा है कि, वह इकलौते ऐसे शख्स हैं, जो मठ का पूरा इतिहास जानते हैं. इसलिए मुझे फंसाकर संपत्ति पर कब्जा करने की पूरी कोशिश की जा रही है.
ब्लैकमेलिंग का भी हुआ खुलासा
हालांकि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे का क्या कारण है इसकी पूरी जांच चल रही है. इस बीच कई अलग-अलग चरह के दावे किए जा रहे हैं. उनमें वीडियो के जरिए ब्लैकमेलिंग को लेकर भी एक खुलासा हुआ है. आज तक की एक रिपोर्ट की माने तो सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी मिल रही है कि, महंत नरेंद्र गिरि को एक वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था.
हैरानी की बात तो ये है कि, ब्लैकमेलिंग के इस खेल में समाजवादी पार्टी की सरकार में दर्जाप्राप्त राज्य मंत्री रहे शख्स का नाम भी शामिल है. ये शख्स आनंद गिरि के काफी ज्यादा करीब रहा है. साथ ही नरेंद्र गिरि से भी मठ में कई बार मुलाकात कर चुका है. इसकी जानकारी पुलिस को फोन कॉल के डाटा के जरिए पता चली है. ऐसे में अब इसके तरह भी जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है.
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. धारा 306 की तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही आनंद गिरि के अलावा प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के दो पुजारियों को भी इस मामले में हिरासत में लिया गया है, जिनका ज़िक्र सुसाइड नोट में मिला था.
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