भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर बीते दिनों अमेरिका के दौरे पर थे। वहाँ उन्होंने कई साझात्कारो का सामना किया इसी दौरान जयशंकर से एक सवाल चाइना-पाकिस्तान इकनोमिक कॉरिडोर (CPEC) पर भी पूछा गया। जिस पर उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती के साथ बताया।
दरअसल CPEC चाइना की विस्तारवादी नीति का एक प्रोजेक्ट है जो की चाइना के जिनजियांग राज्य के शहर काशगर से शुरू होकर पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर (पाक अधिकृत कश्मीर) से होकर गुजरता है। इस प्रोजेक्ट को लेकर चीन का मानना है कि इससे व्यापार के वहन में तेजी आएगी और कई बेरोजगारों को रोजगार भी इस माध्यम से प्राप्त होगा जिसे भारत सिरे से खारिज करता रहा है। भारत पाक अधिकृत कश्मीर को अपना हिस्सा मानता है और यहाँ भारत की मंजूरी के बिना किसी भी विस्तार को अपनी संप्रभुता के खतरे के रूप में देखता है।
पत्रकार ने जयशंकर से पूछा भारत CPEC का निरन्तर विरोध क्यों कर रहा है इस प्रश्न के जवाब में जयशंकर मजबूती के साथ जवाब दिया और स्ट्रैटिजिक महत्त्व को समझाते हुए कहा “भारत अपनी सम्प्रुभता के साथ किसी कीमत पर समझौता नही करेगा।
कई विशेषज्ञ का मानना है हाल ही में चाइना के राष्ट्रपति जिनपिंग का दौरा इस मुददे पर भी आधारित था। हालांकि भारत ने अभी तक इस मुददे पर अपनी सहमति नही दी है।
Nirdesh Kudeshiya
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