Putrada ekadashi 2021: कब पड़ रही है पौष पुत्रदा एकादशी, जानें पूजा करने के नियम
कब पड़ रही है पौष पुत्रदा एकादशी, जानें पूजा करने के नियम
यूं तो एकादशी हर महीने आती है. लेकिन व्रतों में सबसे जरूरी उपवास एकादशी का माना जाता है. पौष के महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी के नाम जानी जाती है. कहते हैं कि इस जो भी शख्स व्रत करता है, वो भगवान विष्णु की पूजा करता है. माना जाता है कि, ये व्रत करने वालों की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. खासकर इस व्रत को वो लोग करते हैं जिन्हें संतान प्राप्ति में दिक्कत होती है. इस बार पुत्रदा एकादशी 24 जनवरी पड़ रही है.ऐसे रखें इस व्रत पुत्रदा एकादशी का व्रत?दरअसल इस व्रत को आप दो तरीके से रख सकते हैं. पहला निर्जला और फलाहारी या फिर जलीय तकीके से व्रत को संपन्न कर सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निर्जला व्रत वही लोग करें जो पूरी तरह से स्वस्थ्य हों. व्रत वाले दिन से पहले ही रात में सात्विक भोजन कर लेना चाहिए. सुबंह जल्दी उठने के बाद स्नान करें और फिर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद गंगा जल, तुलसी दल, तिल, फूल पंचामृत से विष्णु भगवान की पूजा-अराधना करें. व्रत के अगले दिन किसी जरुरतमंद शख्स को घर बुलाकार भोजन कराएं और इसे दान-दक्षिणा देकर व्रत खोल लें. संतान की कामना के लिए करें ये उपाय?माना जाता है कि, संतान की भलाई के लिए इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की भी लोग पूजा करते हैं. लेकिन याद रहे कि ऐसा करने के लिए सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान करने के बाद पति-पत्नी दोनों साथ में श्री कृष्ण की उपासना करें. इसके बाद उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें. याद रहे कि पूजा करते वक्त संतान गोपाल मन्त्र का जाप कर न भूलें. मंत्र जाप करने के बाद पति-पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें. इसके साथ ही एकादशी के दिन भगवान कृष्ण को पंचामृत का भोग लगाएं.