FICCI सम्मेलन में गरजे PM मोदी, कृषि कानून को लेकर दिए ये बड़े संकेत
FICCI सम्मेलन में गरजे PM मोदी, कृषि कानून को लेकर दिए ये बड़े संकेत, जानें भाषण से जुड़ी 5 बड़ी बातें
कृषि कानूनों को लेकर एक तरफ जहां किसान लगातार धरना प्रदर्शन तक रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार लगातार उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है. इसी बीच शनिवार को एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) की 93वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कई बातों को संकेतों में स्पष्ट कर दिया है. भाषण के जरिए पीएम मोदी ने कृषि आंदोलन के बीच कई बड़े संकेत दिए हैं. उन्होंने इशारों में ये बात स्पष्ट कर दी है कि, सरकार कृषि कानून को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लेगी.
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि साल 2020 को हमने कई स्थिति में ढलते हुए देखा है. ये किसी टी20 मैच की तरह है. हालांकि बीते कुछ महीनों में जिस तरह से भारत ने एकजुटता दिखाई और नीतियां बनाईं, निर्णय लिए, उससे हालात संभले हैं. जिसके देखकर पूरा विश्व हैरत में है.
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी, अधिकतरलोगों का जीवन बचाया. आज इसका परिणाम देश भी देख रहा है और दुनिया भी देख रही है.
पीएम मोदी यहीं नहीं चुप हुए उन्होंने आगे ये भी कहा कि इतने उतार-चढ़ाव के साथ देश-और दुनिया गुजरी है कि जिसके कई सालों बाद याद करेंगे तो शायद यकीन ही नहीं हो पाएगा. हालांकि इस दौरान अच्छी बात ये रही कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े हैं उतनी ही तेजी से सुधर भी रहे हैं.
इसके साथ ही किसान आंदोलन को लेकर चल रह प्रोटेस्ट के बीच पीएम मोदी ने कहा कि नए कृषि कानून से निवेश के रास्ते खुलेंगे. हम कृषि से जुड़ी हर दीवरों को हटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. किसानों की समृद्धि से ही देश समृद्ध होगा.
उन्होंने आगे फिक्की सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए कहा कि, आज भारत के किसानों के पास ये विकल्प हैं कि वो अपनी फसल मंडियों के साथ बाहर भी बेच सकें. हालांकि भारत में मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया है.