Guru Tegh Bahadur Martyrdom Day 2022: धर्म रक्षा के लिए ने दी शहादत
Guru Tegh Bahadur Martyrdom Day 2022: धर्म रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर ने दी शहादत
Guru Tegh Bahadur: 24 नवंबर को जन्में सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर की शहीदी दिवस आज है। गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था ।उन्हें साक्षरता के लिए भाई गुरदास जी को सौंप दिया। गुरदास जी से आपजी ने संस्कृत, हिंदी और गुरुमुखी सीखी। गुरु तेग बहादुर सिंह का जन्म बैसाख कृष्ण पंचमी को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। अपने विवाह के बाद गुरु तेगबहादुर जी एकांत में रह कर परमात्मा का नाम जपते रहते थे।
आप अपना अधिकांश समय ईश्वर के ध्यान-मनन में लगाते थे धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर 24 नवंबर 1675 को गुरु तेग बहादुर की हत्या की गई थी। औरंगजेब ने उनको सिख धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दबाव डाला था। लेकिन गुरु तेग बहादुर जी उसके दबाव के आगे नहीं झुके। उन्होंने धर्म परिवर्तन की बजाय शहादत को चुना। धैर्य, वैराग्य और त्याग की मूर्ति गुरु तेग बहादुर ने 20 सालों तक साधना की थी। उन्होंने गुरु नानक के सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए देश में कश्मीर और असम जैसे स्थानों की लंबी यात्रा की।
गुरु तेग बहादुर जी का बचपन
गुरु तेग बहादुर जी के बचपन का नाम त्यागमल था।
मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने पिता के साथ मुगलों के हमले के खिलाफ हुए युद्ध में उनकी वीरता से प्रभावित होकर
उनके पिता ने उनका नाम त्यागमल से तेग बहादुर (तलवार के धनी) रख दिया।
आपको बता दें कि 1665 में गुरु तेग बहादुर व उनके तीन शिष्यों भाई मतिदास,
भाई दयाला जी तथा भाई मतिदास को बंदी बनाया गया।
जेल में भी काजी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को प्रस्ताव दिया
कि आप इस्लाम स्वीकार करके ही अपनी जान बचा सकते हैं,
नहीं तो आपका सिर कलम कर दिया जाएगा।
ध्यानरत गुरु जी ने सिर हिलाकर इस्लाम स्वीकार करने से इन्कार कर दिया।