देश का ऐतिहासिक फैसला एक साथ 38 को फांसी
देश का ऐतिहासिक फैसला एक साथ 38 को फांसी
गुजरात के अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में दोषियों को सजा सुना दी गई है. विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने 49 अभियुक्तों में से 38 दोषियों को IPC 302, UAPA के तहत फांसी की सजा सुनाई हई वहीं 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा मिली है। भारत के इतिहास में ये फैसला एक रिकॉर्ड है क्योंकि अभी तक एक साथ इतने लोगों को कभी फांसी की सजा नहीं सुनाई गई।
दरअसल 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर मणिनगर के एक भीड़ भरे बाजार में अचानक एक धमाका हुआ और इसके लगभग 70 मिनट बाद अहमदाबाद के भीड़- भाड़ वाले इलाकों में 21 धमाके हुए जिनमें से 2 धमाके सिविल अस्पताल और एलजी अस्पताल में हुए थे जिससे पूरा शहर दहल गया।आपको बता दें कि यह धमाके आतंकियों ने टिफिन को साइकल में रखकर किया था. इन धमाकों में इंडियन मुजाहिद्दीन और स्टुडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया से जुड़े आतंकी शामिल थे. धमाके से 5 मिनट पहले आतंकियों ने न्यूज एजेंसियों को मेल करके यह धमाके रोकने की चुनौती भी दी थी. सरकारी आंकड़ो के मुताबिक इन धमाकों से 56 लोगों की मृत्यु हुई और 200 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए। मणिनगर में कुल तीन जगहों पर धमाके हुए थे तो वहीं पुलिस ने मणिनगर से दो जिंदा बम बरामद किये गए थे । इंडियन मुजाहिद्दीन ने दावा किया था कि वह यह धमाका 2002 में गोधरा कांड का बदला लेने के लिए किया गया था।
इस पूरे मामले पर 35 प्राथमिकी दर्ज हुई थी , जिनमें से 20 अहमदाबाद में और 15 सूरत में दर्ज की गईं ।जिसके बाद 78 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर की गई थी जिनमें से बाद में एक आरोपी सरकारी गवाह बन गया तो यह संख्या घटकर 77 हो गई. इस मामले के लगभग 9 आरोपी अब भी फरार हैं.