क्या आप जानते हैं अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन की ये अनकही दास्तान
क्या आप जानते हैं अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन की ये अनकही दास्तान
अटल बिहारी वाजपायी एक ऐसे राजनेता जिन्हें उनके पार्टी के अलावा विपक्ष भी काफई पसंद करता था. कभी एक नेता तो कभी एक कवि के रूप में उन्होनें खुद को सबके सामने रखा, अटल जी जिस तरह से सत्ता को संभालते थे, कोई कह ही नहीं सकता था.
ये तो हम सभी जानते हैं कि वो एक मशहूर नेता, देश के काबिल प्रधानमंत्री और एक कवि थे, लेकिन उनके जीवन की कई ऐसी बातें है जो शायद आप नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं,
हम बता दें कि अटल जी फिल्मों का खूब शौक था. वो कई बार फिल्मों के रिलीज पर नजर आ जाते थे. इसके अलावा उनकी तस्वीरें भी यही बयां करती हैं.
कानपूर के डीएवी कॉलेज में अपने पिता के साथ अटल जी लॉ की पढ़ाई किया करते थे, सबसे रोचक बात तो यह है की पिता और पुत्र दोनों एक ही कक्षा और एक ही कमरे में रहते थे, लेकिन जब अन्य छात्रों को इसके बारे में पता चला और उन्होंने इस बारे चर्चा की तो उन्होंने अपना सेक्शन बदल लिया.
अटल बिहारी वाजपेयी राजनेता नहीं एक पत्रकार के रूप में करियर बना चाहते थे.
साल 1984 में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी, ग्वालियर चुनाव में अटल जी की हार हुई थी.
26 पार्टियों के साथ गठजोड़ करके सरकार चलने वाले भारत के वे एकमात्र पीएम थे. उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली.
वाजपेयी पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने सफलतापूर्वक 5 साल का कार्यकाल पूर्ण किया था.
वाजपेयी 9 बार लोकसभा के लिए चुने गए जबकि वे दो बार राज्यसभा के लिए भी चुने गए.
अटल बिहारी वाजपेयी अविवाहित ही रहे, उन्होंने एक बच्ची को गोद लिया जिसका नाम नतिमा है.
वाजपेयी जी केवल एकमात्र ऐसे नेता थे जो यूपी, एमपी, गुजरात और दिल्ली चारों राज्य से चुनकर संसद के कालियारो तक पहुँचे.
अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने यूएन की जनरल असेंबली में हिंदी भाषा में भाषण दिया था.
पोखरण का ऐतिहासिक परिक्षण उनके ही कार्यकाल में हुआ था.
देश में विज्ञान की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए वाजपेयी जी ने लाल बहादुर शास्त्री के नारे ‘जय जवान जय किसान’ में ‘जय विज्ञान’ जोड़ा.
वाजपेयी जी को कविता लिखना पसंद था, उन्होंने जगजीत सिंह के साथ मिलकर दो एलबम भी निकाले थे