दिल्ली सरकार ने 15 भाषाओं की नई अकादमी बनाने का लिया फैसला
दिल्ली सरकार ने 15 भाषाओं की नई अकादमी बनाने का लिया फैसला
दिल्ली सरकार ने अलग-अलग प्रांतों के लोगों के लिए उनकी भाषा के अनुसार अकादमी बनाने का फैसला किया है…जिसके बाद खुद सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में सभी भाषाओं और प्रांतों के लोग रहते हैं…यह देश की सभी संस्कृतियों को जोड़ने और उन्हें सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है…
दरअसल चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो ऐसे में जनता का ध्यान अपनी ओर खींचना लाजमी है…और इसी के चलते लगभग सभी राजनैतिक पार्टियां जनता को लुभाने के लिए तमाम पैतरे अपना रही है… बता दें हाल ही में दिल्ली सरकार ने 15 भाषाओं की अकादमी बनाने का फैसला लिया है..जिसके साथ हीफॉरेन ऐकेडमी के नाम से भी एक अकादमी बनाई जाएगी… फिलहाल दिल्ली में हिंदी, संस्कृत, मैथिली-भोजपुरी, पंजाबी,सिंधी और उर्दूकी अकादमी है…
बता दें कैबिनेट के फैसले के अनुसार मलयालम, गुजराती, बंगाली, इंटरनेशनल लैंग्वेज, पाली व प्राकृत, कश्मीरी, तेलुगु, कन्नड़, पाली, हरियाणवी, गढ़वाली-कुमाउंनी, असम, तमिल और उड़िया अकादमियां बनाई जाएंगी…इस बारे में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली में देश के हर प्रांत के लोग रहते हैं, अबतक उनकी भाषा और कला के बारे में बातें नहीं होती थीं, लेकिन अब उन सभी भाषाओं के प्रचार प्रसार के लिए हम कोशिश कर रहे हैं और इसी मकसद से इन अकादमियों का गठन किया जा रहा है…
बहराल अब देखना ये हैं कि क्या केजरीवाल न सिर्फ दिल्ली बल्कि अन्य प्रांतों के लोगों का दिल जीतने में कितने कामयाब होते हैं…
Pratibha Jyoti