अब ये लड़ाई केंद्र बनाम राज्य की

अब ये लड़ाई केंद्र बनाम राज्य की

पश्चिम बंगाल का चर्चित चिटफंड घोटाला 2013 में सामने आया था। चिट फंड एक्ट-1982 के मुताबिक चिट फंड स्कीम का मतलब होता है कि कोई शख्स या लोगों का समूह एक साथ समझौता करे। इस समझौते में एक निश्चित रकम या कोई चीज एक तय वक्त पर किश्तों में जमा की जाए और तय वक्त पर उसकी नीलामी की जाए। जो फायदा हो बाकी लोगों में बांट दिया जाए।

तीन हजार करोड के इस घोटाले का खुलासा अप्रैल 2013 में हुआ. आरोप है कि शारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया। इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर भी सवाल उठे थे.

राजीव कुमार 2013 में शारदा चिटफंड घोटाला मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के अध्यक्ष थे. 1989 बैच के आईपीएस अफसर राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है. उन पर बतौर जांच अधिकारी के धांधली के आरोप हैं.

chit-case

बता दें कि सारदा चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई रविवार रात को कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंची थी। लेकिन वहां कोलकाता पुलिस ने सीबीआई की टीम के 5 लोगों को हिरासत में ले लिया था. हालांकि कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. वहीं पूरे सीबीआई दफ्तर की भी पुलिस ने घेराबंदी कर दी. इसके बाद ममता बनर्जी मीडिया के सामने आईं और सीबीआई पर बिना जानकारी दिए वहां आने का आरोप लगाया।

cbii

वहीं सीबीआई का कहना था कि उनके पास सभी जरूरी कागजात मौजूद थे। इसके बाद ममता बनर्जी पीएम मोदी पर बंगाल सरकार का तख्तापलट करने की कोशिश का आरोप लगाते हुऐ ‘संविधान बचाओ’  धरने पर बैठ गई. सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि उन्हें अंदेशा है कि कमिश्नर के घर जरूरी डॉक्यूमेंट को नष्ट किया जा सकता है. क्या यह सीबीआई बनाम ममता बनर्जी या फिर ममता बनर्जी बनाम बीजेपी है.

Pratiksha

A multi-talented girl possesses a degree in mass communications who is proficient in anchoring and writing content. She has experience of 3 years of working in various news channels like India TV, News 1 India, FM news, and Aastha Channel and her expertise lies in writing for multiple requirements including news, blogs, and articles. Follow@Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *