कोरोना वॉरियर की मौत, मानवता की मिसाल थे एम्बुलेंस ड्राइवर आरिफ
कोरोना वॉरियर की मौत, मानवता की मिसाल थे एम्बुलेंस ड्राइवर आरिफ
कोरोना काल में अपनी जान खतरे में डालकर दूसरे लोगों की मदद में जुटे आरिफ खान की कोविड से ही मौत हो गई…आरिफ एक एम्बुलेंस ड्राइवर थे और वो दिल्ली के सीलमपुर इलाके के रहने वाले थे…बता दें आरिफ ने अपनी जान की परवाह किए बिना 200 से ज्यादा मरीजों को ना सिर्फ अस्पताल पहुंचाया बल्कि उन्होंने 100 से ज्यादा शवों को अंत्येष्टि के लिए श्मशान पहुंचाया…लेकिन कोरोना महामारी ने मानवता की मिसाल बने आरिफ की जान ले ली…
बता दें शनिवार की सुबह कोरोना से पीड़ित आरिफ खान का निधन हो गया.. हिंदूराव अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था…उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कोरोना वॉरियर आरिफ के निधन पर शोक व्यक्त किया…
खबरों के मुताबिक पिछले 25 साल से आरिफ खान शहीद भगत सिंह सेवा दल से जुड़े थे…वो मुफ्त में एम्बुलेंस की सेवा उपलब्ध कराने का काम करते थे…बताया जा रहा है कि वो कोरोना संक्रमण की शुरूआत से ही लोगों की मदद कर रहे थे…आरिफ कोरोना मरीजों को उनके घर से अस्पताल और आइसोलेशन सेंटर तक ले जाने का काम करते थे…
शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी ने कहा कि आरिफ एक जिंदादिल इंसान थे…उन्होंने एक मुस्लिम होकर भी अपने हाथों से 100 से ज्यादा हिंदुओं के शव का अंतिम संस्कार किया…
जितेंद्र सिंह ने बताया कि आरिफ की मौत के बाद उनके परिवार के लोग पास नहीं आए…तब खुद शहीद भगत सिंह सेवा दल के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह शंटी ने अपने हाथों से उनका अंतिम संस्कार किया…
संस्थापक जितेंद्र सिंह ने बताया कि आरिफ 24 घंटे कोरोना पीडितों के लिए मौजूद रहते थे….अगर किसी कोरोना मरीज की मौत के बाद परिजनों को आर्थिक मदद की भी जरूरत होती थी तो आरिफ उनकी मदद जरूर करते थे…
बताया जा रहा है कि 3 अक्टूबर को आरिफ की तबीयत खराब हुई थी…फिर भी वो कोरोना संक्रमित को अस्पताल पहुंचा रहे थे… हालत ज्यादा बिगड़ने पर उनका कोरोना टेस्ट कराया गया जिसमें आरिफ की रिपोर्ट पॉजिटिव आई…आरिफ परिवार में कमाने वाले अकेल सदस्य थे…
बता दें जितेंद्र सिंह ने आरिफ खान को असली कोरोना वॉरियर बताते हुए सरकार से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है…मालूम हो कि देश में कोरोना वॉरियर्स पिछले 7 महीने से अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरे लोगों की मदद कर रहे हैं…कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो लंबे समय से अपने परिवार से दूर रहकर जरूरतमंदों की मदद में लगे हैं…