हरिकिशन गिरी गोस्वामी… से भारत कुमार… तक कुछ ऐसी है मनोज कुमार की कहानी
मनोज कुमार का नाम आते ही एक अलग सी छवि बन जाती है, एक ऐसा इंसान जिसके रोम रोम में देश भक्ति बहती हो, जिसके खून में ही देश प्रेम हो जो देश के लिए कुछ भी कर सकता है. तभी तो एक समय ऐसा था कि जब भी देशभक्ति की बात होती थी मनोज कुमार को नाम जरूर आता था, और इसी ले उन्हें मनेज कुमार से ज्यादा भारत कुमार के नाम से जेना जाता था.
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में मनोज कुमार को एक ऐसे वर्सटाइल कलाकार है जिन्होंने ने अपनी प्रतिभा का वृलोहा हर फिल्ड में मनवाया, उन्होनें एक्टिंग के साथ साथ निर्देशन, लेखन, संपादन से भी दर्शको के दिल जीता. और अपनी खास पहचान बनायी…
24 जुलाई 1937 में पैदा हुए मनोज का असली नाम हरिकिशन गिरी गोस्वामी था…बचपन से एक्टिंग का शौक रखने वाले मनोज दीलीप कुमार की फिल्म शबनम से इतने इम्प्रेस हुए कि उन्होंने अपना नाम मनोज रख लिया. बतौर अभिनेता मनोज ने अपने सिने करियर की शुरूआत साल 1957 में आई फिल्म ‘फैशन’ से की थी, साल 1962 में आई फिल्म ‘हरियाली और रास्ता’ से मनोज का सितारा ऐसा चमका जिसकी रौशनी चारों तरफ बिखर गई. इस फिल्म में मनोज कुमार और माला सिन्हा की जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया. साल 1964 में मनोज की एक और सुपरहिट फिल्म ‘वो कौन थी’ रिलीज हुयी…जिसमें उनके अपोजिट साधना थीं.. वहीं 1965 में फिल्म गुमनाम आई जिसमें रहस्य रोमांच के साथ संगीत का शानदार कॉम्बीनेशन था…इसी साल मनोज को फिल्म ‘हिमालय की गोद में’ में काम करने का मौका मिला जो टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी…इसके साथ ही फिल्म पत्थर के सनम मनोज कुमार के अभिनय को काफी पसंद किया गया इसके साथ ही फिल्म के गाने भी काफी हिट रहे…
फिर एक समय आया कि एक रोमांटिक हिरो से वो अचानक एक देशभक्त के रूप में सामने आए, और एक के बाद एक देशभक्ति वाली फिल्म रिलीज हउई, जिसमें 1965 में रिलीज ही फिल्म शहीद देशभक्ति के फिल्म में उनके कैरेक्टर का नाम ‘भारत’ था बाद में इसी नाम से वो फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर हो गये, एक और सुपरहिट फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ प्रदर्शित हुयी.
साल 1974 में रिलीज हुई फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ मनोज के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है…1976 में रिलीज हुई फिल्म ‘दस नंबरी’ की सफलता के बाद मनोज कुमार ने कुछ टाइम का ब्रेक लिया और फिर 1881 में फिल्म क्रांतिवीर से अपने करियर की दूसरी पारी शुरू की, खास बात ये है कि इस फिल्म में मनोज के पसंदीदा एक्टर दिलीप कुमार ने उनके साथ स्क्रीन शेयर की थी, फिल्म का गाने काफी मशहूर हुए थे… मनोज ने अपने भाई राजीव गोस्वामी को फिल्म पेंटर बाबू से लॉन्च किया लेकिन फिल्म को सफलता नहीं मिली… तो वहीं उनका बेटा कुणाल भी फिल्मों में असफल रहे, लंबे ब्रेक के बाद उन्होंने फिल्म ‘क्लर्क’ का निर्माण किया लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही… मनोज कुमार को उनके सिने करियर में सात बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया… इसके साथ ही उन्हें पदमश्री, लाइफ टाइम अचीवमेंट और साल 2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया है… फिलहाल मनोज कुमार प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोल शास्त्री आर्यभट्ट पर फिल्म बना रहे हैं.
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