शो के दौरान एक दूसरे से भिड़े गेस्ट, आखिर क्या देख रहे हैं हम
शो के दौरान एक दूसरे से भिड़े गेस्ट, आखिर क्या देख रहे हैं हम
मीडिया या पत्रकारिता देश का चौथा स्तंब, एक ऐसा नाम जिससे शायद बड़े से बड़ा इंसान भी डरता है. कहते हैं बंदुक की गोली से ज्यादा ताकतवर होती है पत्रकार के कलम से निकली स्याही. पत्रकार बस एक औधा नहीं है एक जिम्मेदारी है देश को सच दिखाने, न्याय दिलाने की देश की एक सही और सच्ची परिभाषा लिखने की. लेकिन आजकल ये क्या होता जा रहा है.पत्रकारिता के नाम पर ना जाने क्या दिखाया जा रहा है.
हाल ही में एक बड़े और जिम्मेदार टीवी चैनल के क शो के दौरान गेस्ट आपस में भिड़ गए, गालियों का दोर चला… एक दूसरे पर हाथ उठाए गए, मार पीट हुई, और ये सब एक लाइव शो के दौरान हुआ.. ये ऐसा पहला केस नहीं है जहां इस तरह की घटना देखने को मिली है इससे पहले कई ऐसे केस टीवी पर देखने को मिल जाते हैं.
क्या चैनल जानबूझकर ऐसा कुछ दिखाना चाहता है, या अब लोगों में मीडिया का डर खत्म हो चुका है, अब वो इसे महज एक एंटरटेंमेंट शओ की तरह देखते हैं, जिसे देखकर उन्हें मजा आता है, और शो की टीआरपी बढ़ती है.टीआरपी के रेस हर चैनल आगे निकना चाहता है, लेकिन सच्चाई और इमानदारी के रेस कहीं पीछे छूटता जा रहा है. लेकिन इसमें सिर्फ चैनल की गलती नहीं है. वो वही दिखाता जो हम देखना चाहते हैं, हम सुनना चाहते हैं.
By Pratiksha (@pratiks36264487 )