मानसूनी मंदिर का महारहस्य
मानसून की जानकारी के लिए आप क्या करते हैं मौसम विभाग के भविष्यवाणी का इंतजार करते हैं… टीवी चैनलों पर चलने वाले न्यूज के जरिए आप मानसून की जानकारी मिलती हैं… लेकिन कानपुर के खाटमपुर तहसील के लोग किसी मौसम विभाग के भरोसे नहीं बैठते वो इस लिए खाटमपुर तहसील में एक मंदिर है जिसे मानसून मंदिर कहा जाता है… यहां के लोग मानसून की जानकारी मंदिर की छत पर पानी की बूंदो से पता लगा लेते हैं कि मानसून कबतक आने वाला है ठीक इसी तरह मंदिर की छत पर पानी की बूंदे तपकटी हैं.. और लोगों करो पता चल जाता है कि 10 से 15 दिन के अंदर मानसून बस आने ही वाला है… तो मौसम विभाग भले ही फेल हो जाए लेकिन स मंदिर की भविष्यवाणी कभी फेल नहीं होती… यहां लोगों का मानसूनी मंदिर पर अटूट विश्वास है…
तो ये मंदिर न सिर्फ श्रद्धा का केंद्र बल्कि रोमांचित भी करता है… मॉनसूनी मंदिर में जग्गनाथ के अलवा कौन कौन से भगवानों की पूजा की जाती है… वो भी आपको बताते हैं….
दरसल भीतरगांव विकास खंड मुख्यालय से करीब तीन किमी दूर गांव बेहटा बुजुर्ग में भगवान जगन्नाथ के प्राचीन मंदिर के गुंबद के पृष्ठ भाग से गर्भगृह में पानी की बूंदे टपकना शुरू हो गई हैं, जो मानसून आने का संकेत दे रही हैं। इस विशेषता के चलते प्राचीन मंदिर वर्तमान वैज्ञानिक युग में भी अजूबा है। मंदिर में टपकने वाली बूंदों का आकार भी मानसूनी बारिश के आकलन का भी संकेत देता है।
मंदिर के गर्भगृह के भीतर भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ व बहन सुभद्रा की काले पत्थर की मूर्तियां स्थापित हैं। पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित जगन्नाथ मंदिर के निर्माण काल को लेकर इतिहासकार एकमत नही हैं।