अपने ही बयान पर फंसे बीजेपी नेता मदनलाल सैनी, जानिए असली सच…
अपने ही बयान पर फंसे बीजेपी नेता मदनलाल सैनी, जानिए असली सच…
देश को सही दिशा दिखाने का दावा करने वाले नेता ही, आए दिन किसी न किसी विवाद में घिरे रहते हैं…बता दें अपने अजीबोगरीब ज्ञान के पिटारे के चलते,वे शर्मसार होते रहते हैं…ऐसा ही एक मामला राजस्थान से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी का खूब चर्चाओं में है…
दरअसल उन्होंने देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर बयानबाजीकरते हुए कहा कि- “जहां तक मुझे पता है जब हुमायूं मर रहा था, तब उसने बाबर को बुलाकर कहा कि “तुम्हें हिंदुस्तान पर राज करना है तो एक बात हमेशा ध्यान रखना कि गाय, ब्राहम्ण और महिलाओं का हमेशा सम्मान करना” जिसके चलतेबीजेपी अध्यक्ष मदनलालसैनी विवादों में घिर गए और इतिहास के पन्नों को फिर से पलटने की कवायत शुरू हो गई है…
असल में मामला क्या था…
बाता दें राजस्थान में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही है…जहां अलवर में गाय ले जा रहे अल्पसंख्यक समुदाय के एक शक्स को गौरक्षकों ने घेरकर बेरहमी से पीटा…जिसके बाद उसकी मौत हो गई… इसी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सैनी ने ये अधूरे ज्ञान वाली बात कह डाली…जिसके बाद से बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना हो रही है…
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी अध्यक्ष अपनी कई गलतियां गिना गए…
पहली गलती–उन्होंने बाप को बेटा और बेटे को बाप बता दिया…जबकि सच ये है कि बाबर के बेटे का नाम था हुमायूं, लेकिन उन्होंने हुमायूं को बाबर का पिता कह दिया…
दूसरी गलती–बाबर ने हुमायूं को गाय के बारे में तो सलाह दी थी, लेकिन नेता जी ने इसमें महिलाएं और ब्राहम्ण को अपनी तरफ से जोड़ दिया…
बती दें इस बयान का असली सच इतिहास के पन्नों में हुमायूं के नाम बाबर की वसीयत में मौजूद है… दरअसल उस वसीयत में बाबर ने कहा था, “बेटा, हिंदुस्तान की सरज़मीं में हर मज़हब को मानने वाले लोग रहते हैं और अल्लाह ने तुम्हें इस मुल्क की बादशाहत सौंपी है. अपने दिल से भेदभाव दूर करके इंसाफ करो… खासकर तुम गाय की कुर्बानी ना करो.इससे तुम हिंदुस्तान के लोगों का दिल जीत लोगे और लोग बादशाहत से जुड़ेगे. सल्तनत में रहने वालों की इबादतगाहों को गिराओं मत. इतना बराबरी का इंसाफ करो कि लोग अपने बादशाह से खुश हो…
वही कुछ लोग इतिहास में दर्ज इस वसीयत के जिक्र को मानने से इंकार करते हैं… तो कुछ का मानना है कि ऐसा कुछ प्रमाण इतिहास के पन्नों में दर्ज है… खैर जो भी है लेकिन दोनों की स्थितियों में मदनलाल सैनी बुरी तरह फंस गए हैं.. अगर ये बात इतिहास में मौजूद नही है तो नेता जी ये बात कहां से कह गए और अगर वसीयत वाली बात सच है तो फिर इसमें ब्राहम्ण और महिलाओं का जिक्र कहां से ले आएं.. और सबसे बड़ी बात कि हुमायूं ने बाबर को बुलाकर कहा वाली बात तो पूरी तरह से ही गलत है..
आपको बता दे ये पहला मामला नहीं है जब बीजेपी के किसी नेतागण ने अपनी अज्ञानता का परिचय दिया है…खैर, अब देखना ये है कि कैसे नेता जी इस मामले से बाहर निकलते हैं…
Pratibha Jyoti