अगर नहीं बुझी जंगलों की आग, तो खत्म हो जाएगा सबकुछ
अगर नहीं बुझी जंगलों की आग, तो खत्म हो जाएगा सबकुछ
आजकल सरकार से लेकर वैज्ञानिकों तक हर की उत्तरा खंड के जंगलों में लगी ग से काफी चिंतित हैं.
दरासल जंगलो की आग से ना केवल प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.
बल्कि इससे ग्लेशियर पर भी खतरा मंडरा रहा है.
लगातार बढ़ते जंगलों के आग से कई हेक्टेयर तक के जंगल तबाह हो गए हैं.
ग्लेषियर तक पंहुची गर्मी
और अब इसकी गर्मी ग्लेषियर तक पंहुच रही है. जिससे उसपर सर पड़ रहा है.
आपको बता दें कि ये आग लगातार फैल रही है जिससे अबतक ना जारे कितने जंगल खत्म हो गए हैं.
लेकिन अब ये बर्फ पर भी असर कर रही हैं जंगलों में आग लगने से बड़ी मात्रा में कार्बन डाईऑख्साइड निकल रहा रही है.
साथ ही आग से निकलने वाली राख भी ग्लेशियरों पर चिपककर सीधे तौर से बर्प पिधलाने का काम कर रही हैं
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर समय रहते सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो इसका अंजाम काफी खराब हो सकता है.
होगा बड़ा खतरा
जिससे काफी बड़ा खतरा इंसानों के लिए पैदा हो जाएगा. जिसके लिए शायद हम ही जिम्मेदार होंगे.
वैसे इस तरह के खतरे से पहले भी वैज्ञानिक सरकार को सतर्क कर चुके हैं.
वैज्ञानिक लगातार इस बात पर जोर दे लहे हैं कि इस तरह के आग से बहुत ज्यादा भयानक नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.
ये आग काफी तेजी से जंगलों में फैल रही है.
इसससे कई जंगल और पेड़ पौधे अबतक नुकसान हो चुके हैं, और लगातार हो भी हो रहे हैं.
सबसे अधिक आग गढ़वाल क्षेत्र के जंगलों में भड़की हुई है.
मौसम विभाग की ओर से वन विभाग को जारी एडवाइजरी के मुताबिक 25 मई तक मौसम शुष्क रहने के साथ ही पारा अधिक उछाल भरेगा.
ऐसे में जंगलों में आग अधिक भड़क सकती है.